आठ माह में निगम की मात्र दो गाडि़यों का हुआ रजिस्ट्रेशन

बिना रजिस्ट्रेशन और पेनल्टी के सड़कों पर दौड़ रही गाडि़यां

Meerut । नगर निगम की लापरवाही के चलते शहर की सड़कों पर बिना रजिस्ट्रेशन निगम की कूड़ा गाडि़यां फर्राटा भर रही हैं। इन गाडि़यों का न रजिस्ट्रेशन है और न ही फिटनेस हो रहा है। परिवहन विभाग के मानकों के अनुसार गाडि़यों पर लाखों रुपए की पेनल्टी लग चुकी है, लेकिन विभाग इस पेनल्टी का भुगतान भी नहीं कर रहा है। ऐसे में नगर निगम अपनी लापरवाही के चलते परिवहन विभाग को हर माह लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहा है।

26 करोड़ की खरीद

नगर से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन समेत नालों की सफाई और अन्य कामों के लिए मई माह में करीब 26 करोड़ की लागत से निगम द्वारा करीब 147 से अधिक वाहनों की खरीद की गई, जिसमें 84 के करीब छोटा हाथी समेत ट्रैक्टर और जेसीबी आदि मशीनें शामिल हैं। लेकिन इनके रजिस्ट्रेशन के नाम पर नगर निगम ने अभी तक चुप्पी साधी हुई है। परिवहन विभाग द्वारा कई बार नोटिस के बाद भी ना तो निगम रजिस्ट्रेशन करा रहा है और ना ही संचालन बंद कर रहा है।

टैक्स से छूट पेनल्टी भरपूर

मोटर वाहन कराधान नियमावली के तहत नगर निगम के वाहनों पर टैक्स नही लगता लेकिन नए वाहन का यदि एक सप्ताह के अंदर रजिस्ट्रेशन ना कराया जाए तो पांच प्रतिशत मासिक पेनल्टी बनती है। लेकिन आरटीओ विभाग के रिकार्ड में अप्रेल माह के बाद से दिसंबर माह तक निगम द्वारा केवल दो वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया गया है। ऐसे में करीब 14 लाख रुपए निगम पर पेनल्टी बनती है। इन वाहनों का संचालन खुद निगम के राजस्व पर भारी पड़ सकता है।

प्रवर्तनदल भी मेहरबान

नगर निगम की गाडि़यों का पांच माह से संचालन किया जा रहा है। लेकिन आरटीओ विभाग का प्रवर्तन दल भी इन गाडि़यों पर मेहरबान है इसलिए बिना नंबर के गाडि़यों को देखने के बाद भी ना तो चेकिंग में रोका जाता है और नही जुर्माना लिया जा रहा है। दोनो विभागों की मिलीभगत राजस्व को नुकसान पहुंचा रही है।

गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन का काम किया जा रहा है। जल्द सभी गाडि़यों का पंजीकरण करा लिया जाएगा।

- गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

अनरजिस्टर्ड वाहनों के पंजीकरण के निगम को रिमाइंडर भेजा जा चुका है। जब भी पंजीकरण होगा तब पेनल्टी ली जाएगी।

श्वेता वर्मा, एआरटीओ