पौष पूर्णिमा पर 40 लाख श्रद्धालुओं ने लगायी पुण्य की डुबकी

दिनभर उमड़ा रेला, 17 स्नानघाटों पर मिला पुण्य का मुकाम

ALLAHABAD: माघ मेले के पहले प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर 40 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था और श्रद्धा भाव के साथ पुण्य की डुबकी लगाई। स्नान के साथ ही एक माह का कल्पवास भी शुरू हो गया। मेला क्षेत्र में स्नान के लिए बनाए गए 17 स्नानघाटों पर दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। जहां दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने गंगा मइया का जयकारा लगाकर स्नान किया। स्नान के बाद पूजन-अर्चन कर 33 करोड़ देवी-देवताओं की आराधना की।

दिनभर चला श्रद्धालुओं का रेला

पूर्णिमा पर संगम नोज का नजारा एक किलोमीटर लम्बा दिखाई दिया। नोज सहित काली पाण्टून, त्रिवेणी पाण्टून, गंगोत्री-शिवाला पाण्टून, ओल्ड जीटी रोड व अरैल घाट सहित अन्य घाटों पर भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने लगी। सिर पर गठरी और जुबा पर गंगा मइया का जयकारे लगाते हुए हर किसी में संगम नोज पहुंचने की ललक दिखाई दी। संगम नोज सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाकर दान-दक्षिणा की तो अक्षयवट मार्ग के दक्षिण व दशाश्वमेध घाट पर गाय की पूंछ पकड़कर मोक्ष की कामना का नजारा दिखाई दिया।

चला दान पुण्य का सिलसिला

सभी घाटों पर पर्याप्त पानी मिलने से स्नानार्थियों को पुण्य कमाने में दिक्कत नहीं हुई। यही वजह रही कि संगम नोज पर जहां श्रद्धालुओं की भीड़ रही। वहीं अन्य घाटों पर दिनभर श्रद्धालु स्नान और दान-दक्षिणा करते रहे। मेला प्रशासन ने दावा किया कि शाम पांच बजे तक लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर स्नान किया।

चेजिंग रूम में दिखी अव्यवस्था

पौष पूर्णिमा स्नान पर्व पर खासतौर से संगम नोज के आसपास एक दर्जन से अधिक चेजिंग रूम की व्यवस्था की गई थी। महिला श्रद्धालुओं ने चेजिंग रूम का इस्तेमाल तो किया लेकिन दोपहर एक बजे के बाद भीड़ अधिक होने की वजह से चेजिंग रूम की व्यवस्था ध्वस्त हो गई। पुलिस का संदेश देना बेकार साबित हुआ और रूम का इस्तेमाल सिर्फ कपड़ा रखने में ही होता रहा।

61 भूले भटकों को मिलाया

जिलाधिकारी संजय कुमार व कमिश्नर राजन शुक्ला की अगुवाई में प्रशासनिक अधिकारी मेला क्षेत्र का भ्रमण करते रहे। प्रशासनिक कार्यालय सहित अन्य क्षेत्रों में दूरदराज के क्षेत्रों से आए 61 लोगों को पुलिस ने उनके परिजनों से मिलाया। इनमें 60 स्त्री व पुरुष और एक छोटी बच्ची शामिल रही। इसके लिए संगम नोज के कंट्रोल रुम से लगातार पुलिस वाले लापता लोगों का नाम लेकर पुकारते रहे।