-हंगामे के बीच हुई मिनी सदन की बैठक

-पार्षदों का बजट 15 लाख से 20 लाख रुपये करने पर बनी सहमती

-आधा दर्जन प्रस्ताव पास, कुछ में गतिरोध बरकरार

VARANASI

आशंका के मुताबिक सोमवार को नगर निगम की साधारण सभा की बैठक हंगामेदार हुई। पार्षद सदन के अध्यक्ष मेयर रामगोपाल मोहले की कुर्सी तक पहुंच गए। घेराव करते हुए उन पर तानाशाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सदन में असलहा लाने के मामले पर भी खूब हो-हल्ला हुआ।

बैठक में सभी प्रस्ताव पर सहमति बनी। विकास कार्य लिए पार्षदों का बजट क्भ् से ख्0 लाख रुपये करने का प्रस्ताव भी पास हुआ। सपा पार्षद जानना चाहते थे कि यह रुपये किस मद से दिए जाएंगे लेकिन नगर आयुक्त की ओर से जवाब नहीं मिला।

छुट्टा पशुओं से मिलेगी राहत

शहर में छुट्टा पशुओं के आतंक से लोगों को हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए अशोक मिश्र, राजेश शाहू, ओमप्रकाश चौरसिया, प्रियंका मौर्या समेत अन्य पार्षदों ने इनसे निजात दिलाने का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष ने नगर आयुक्त से इस बाबत जानकारी चाही। उन्होंने बताया कि शहर से दूर भ्0 एकड़ में नंद गांव बसाने की योजना है। इसके लिए एनिमल वेलफेयर बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा गोशाला में पशु खुराक रोजाना प्रति पशु के हिसाब से ख्भ् रुपये है से बढ़ाकर भ्0 रुपये कर दिया गया है।

संविदा सफाई कर्मियों ो राहत

संविदा पर रखे गये जिनमें म्98 सफाई कर्मियों को शासनादेश के तहत वेतन बढ़ाने का रास्ता साफ है। लेकिन ब्फ्क् कर्मियों को तत्कालीन नगर आयुक्त के आदेश पर रखा गया था। उन्हें भी वही वेतन दिया जाएगा। इसका इंतजाम नगर निगम अपने सोर्स से करेंगी। इसमें संविदा पर रखे गये ड्राइवर भी शामिल होंगे। इसकी जानकारी नगर आयुक्त ने मिनी सदको दी।

सेफ्टिक टैंक नहीं होती सफाई

सदन में डेंगू के खतरे को देखते हुए नगर निगम को दो एम्बुलेंस की व्यवस्था और उसमें डाक्टर का इन्तजाम करने का प्रस्ताव दिया गया। इसके साथ ही घरों के बाहर बने सेफ्टिक टैंक सफाई ठेकेदार से कराने का प्रस्ताव रखा गया। जलकल ने जवाब दिया कि निजी टैंक की सफाई इसमें शामिल नहीं है। मेयर ने नगर आयुक्त सेफ्टिक टैंक की सफाई खुद सुनिश्चित करने को कहा।

कितने घाट, निगम को पता नहीं

नगर निगम से गंगा किनारे स्थित घाटों की संख्या और नाम की जानकारी पार्षद अजीत सिंह ने आरटीआई के जरिए मांगी गयी थी। जिसके जवाब में नगर निगम की ओर से बताया गया कि गंगा किनारे 70 घाट है। जबकि इस बात को सभी जानते है कि गंगा किनारे घाटों की संख्या 8ब् है। सदस्यों ने आरटीआई का जवाब देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिस पर अध्यक्ष ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया है। घाटों के नामों को हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी में फिर से स्पष्ट लिखने का प्रस्ताव सदन में पारित हुआ।