गैर जमानती वारंट जारी होने पर मंत्री और उनकी मेयर पत्‍‌नी ने किया कोर्ट में सरेंडर

जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दोनो को मिली रिहाई

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PRAYAGRAJ: स्टाम्प पंजीयन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी और मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी को करीब दो घंटे न्यायिक हिरासत में बिताना पड़ा। शुक्रवार को दोनों कोतवाली थाने में दर्ज एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे थे। कोर्ट में सरेंडर करने के बाद दोनो की ओर से जमानत के लिए अर्जी दाखिल की गयी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनो को जमानत अर्जी मंजूर करते हुए राहत दे दी।

आचार संहिता उल्लंघन का मामला

प्रदेश सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी वर्तमान समय में शहर दक्षिणी से विधायक हैं। उनकी पत्‍‌नी अभिलाषा गुप्ता नंदी शहर की मेयर हैं। मामला 2012 का है। तब अभिलाषा गुप्ता नंदी ने पहली बार मेयर का चुनाव जीता था। जोश से भरे समर्थकों ने मुंडेरा से जुलूस निकाला था जो शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए गुजरा था। तब शहर में निशेधाज्ञा लागू थी, इसके चलते जुलूस निकालना प्रतिबंधित था। निशेधाज्ञा के उल्लंघन का मामला कोतवाली थाने में दर्ज हुआ था। इनमें दोनों को नामजद करते हुए समर्थकों पर धारा 188, 171 आईपीसी में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें आरोप पत्र लगने के बाद विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट में उपस्थित न होने पर दोनो के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो गया था।

सुबह 11 बजे कोर्ट पहुंचे मंत्री-मेयर

मंत्री नन्दी और महापौर विशेष जज एमपी-एमएलए पवन तिवारी की कोर्ट में सरेंडर करने के लिए शुक्रवार करीब 11 बजे पहुंचे। दोनो की तरफ से सरेंडर अर्जी दाखिल होने पर कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया। इसके बाद दोनों को कोर्ट के बाहर ही प्रतीक्षा करनी पड़ी। इस दौरान उनके बड़ी संख्या में समर्थक कोर्ट पहुंच गये थे। दोपहर बाद मामले में सुनवाई शुरू हुई। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में उनकी ओर से प्रस्तुत सरेंडर अर्जी पर कोर्ट में वकीलों ने अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने जमानत का पर्याप्त आधार पाये जाने पर उनकी अर्जी मंजूर कर ली। गौरव मिश्रा, सुभाष वाजपेयी, राजेश पाण्डे एवं आशीष शुक्ला ने उनकी जमानत ली तो दोनों को कोर्ट से ही घर जाने की अनुमति मिल गयी।