-पिछले बजट की अधिकतर घोषणाओं पर नहीं हुआ काम, नए की उम्मीद क्या करें शहर के लोग

- कानपुराइट्स की प्राथमिकता अनवरगंज कल्याणपुर रेल लाइन पर जाम खत्म करने की व्यवस्था करे रेलवे

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KANPUR: गुरुवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभु लोकसभा में अपना दूसरा रेल बजट पेश करेंगे। ऐसे में कानपुराइट्स को भी प्रभु से काफी उम्मीदे हैं। रेल बजट के पिटारे से कानपुर को क्या-क्या मिलता है ये तो कुछ घंटों में पता चल ही जाएगा, लेकिन बड़ी बात है कि क्या सिर्फ घोषणा भर करने से वादे पूरे हो जाएंगे। पब्लिक का मानना है कि पहले रेलमंत्री जी पिछली घोषणाओं को पूरा कर दें फिर दूसरी घोषणाएं करें। क्योंकि पिछले साल रेल बजट में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कानपुर के लिए लांग ट्रम बेनिफिट प्लान की घोषणा की थी जिसमें कानपुर दिल्ली रूट को सेमी हाईस्पीड बनाने, भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में कोच बढ़ाने, ए-1 क्लॉस स्टेशन में वाई फाई मुहैया कराने जैसे तमाम वादे किए गए थे। इन घोषणाओं में ज्यादातर पर अभी काम तक नहीं शुरू हो पाया है।

ये थी घोषणाएं और ये है हकीकत

1- दिल्ली-कोलकाता रूट को सेमी हाईस्पीड कॉरीडोर बनाना

हकीकत- यह रूट देश के सबसे व्यस्ततम रेलवे रूट है। जिस पर ट्रेनों का भारी दबाव है। हाईस्पीड कॉरीडोर के लिए अभी ट्रैक पर कंजेशन ही नहीं खत्म किया जा सका। कानपुर से गाजियाबाद तक पूरा रूट ऑटोमेटेड जरूर हाया है।

2- अनवरगंज और गोविदपुरी स्टेशन को सैटेलाइट स्टेशन के तौर पर विकसित करना, जहां से ट्रेनें चलाई जा सके। जिससे सेंट्रल पर बोझ कम हो।

हकीकत- गोविंदपुरी स्टेशन के विस्तारीकरण का काम पूरा हुए एक साल बीत चुका है लेकिन यहां से कोई नई ट्रेन नहीं चलाई गई है और न ही ट्रेनों का ठहराव बढ़ा है। अनवरगंज स्टेशन का भी यही हाल है

3- रेलवे ट्रैक पर ओवरब्रिजों का निर्माण्

हकीकत- झकरकटी पुल पर रेलवे ने अपना निर्माण पूरा कर दिया है, खपरामोहाल पुल तैयार हो चुका है। झाड़ीबाबा पुल पर रेलवे का निर्माण पूरा, समानातंर गोविंदपुरी पुल का निर्माण जारी। सीओडी पुल पर अभी दो लेन का रेलवे का एक हिस्सा बनना बाकी।

4- कानपुर सेंट्रल समेत ए और बी कैटेगरी के स्टेशनों पर वाई फाई

हकीकत- बी कैटेगरी में आने वाले भीमसेन स्टेशन को छोडि़ए अभी तक ए-1 कैटेगरी के सेंट्रल स्टेशन को ही वाई फाई करने का काम शुरू नहीं हुआ।

6- शताब्दी जैसी ट्रेनों में आनबोर्ड एंटरटेनमेंट की सुविध

हकीकत- यह वादा तो अभी तक किसी भी ट्रेन में पूरा नहीं हुआ। कानपुर से चलने वाली रिवर्स शताब्दी और स्वर्ण शताब्दी एक्सपे्रस में इसके शुरू होने की उम्मीद थी।

7- भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में कोच बढ़ाया जान

हकीकत- श्रमशक्ति एक्सप्रेस समेत कानपुर से गुजरने वाली कई वीआईपी और भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में कोच बढ़ाने की घोषणा इसलिए पूरी नहीं हुई क्योंकि सेंट्रल स्टेशन पर इतने ज्यादा कोच की ट्रेनों को खड़े करने के लिए लंबे प्लेटफार्म ही नहीं है।

कुछ बदलाव तो हुआ-

1- सेंट्रल स्टेशन पर साफ सफाई का स्तर सुधरा साफ सफाई अब प्राइवेट कंपनी के हाथों में

2- आईआरसीटीसी की कैंटीन में खाने का स्तर सुधरा, एक और मल्टी कुजीन रेस्ट्ररां प्लेटफार्म-1 पर खुला

3- सिटी साइड में पार्किंग की जगह बढ़ी।

4- कल्याणपुर तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा, दो मेमू भी शुरू

5- जम्मू के लिए हफ्ते में दो दिन नई ट्रेन शुरू हुई

6- खपरा मोहाल ब्रिज का निर्माण पूरा

रेल बजट से उम्मीद -

1- अनवरगंज से कल्याणपुर तक ट्रैक को हटाया जाए या फिर इस रूट पर ओवरब्रिज या अंडरपास के निर्माण किया जाए।

2- जूही में एलीवेटेड रोड पर रेलवे बजट स्वीकृत करे, बिठूर तक आमान परिवर्तन तक और बजट की व्यवस्था हो

3- सीपीसी माल गोदाम का नवीनीकरण हो, जर्जर रेलवे कॉलोनियों की हालत सुधरे

4- कानपुर सेंट्रल से ट्रेनों का बोझ कम किया जाए गोविंदपुरी, पनकी, अनवरगंज स्टेशनों से ट्रेनें चलाई जाएं।

5- डीआरएम स्तर के एक अधिकारी का कार्यालय कानपुर सेंट्रल पर बनाया जाए

6- सेंट्रल स्टेशन पर इंटीगे्रटेड सिक्यूरिटी सिस्टम के लिए बजट का प्रावधान हो

7- विकलांगों, महिलाओं के कोच ट्रेन के बीच में किए जाएं

8- मेमू ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के साथ सुविधाएं भी बढ़ें

9- खान पान का स्तर और अच्छा हो, आउटर पर न रोका जाए।

10- त्योहारी सीजन में ट्रेनों सीटों की उपलब्धता को और बढ़ाया जाए।

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पैसेंजर्स वर्जन

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रेल बजट में सिर्फ बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं। हकीकत में रेलवे की सूरत सुधारने के लिए होता कुछ भी नहीं है। सालों से आज तक रेलवे की सूरत वैसे ही बनी हुई है। रेलवे विभाग को चाहिए कि नया बजट लाने के बजाय पुराने बजट की बातों पर ही ठीक से अमल कर लें।

- हरप्रीत सिंह

रेलवे बजट की बातें ही बेमानी हो गई हैं। हर बार नए-नए नियम रेलवे बजट में आते हैं और होता कुछ नहीं है। रेलवे बजट की बातें करना बेमानी लगता है। अगर रेलवे बजट के पुराने प्रावधान ठीक से लागू कर दिए जाएं तो रेलवे की सूरत ही चमक उठेगी।

- रतन गुप्ता

पुराने रेलवे के बजट में ही कई ऐसी बातें हैं, जो पूरी नहीं हुई हैं। ऐसे में नए रेलवे बजट से भला क्या आशा करें हम। इस बार भी सिर्फ और सिर्फ रेलवे की सूरत सुधारने के नाम पर बड़े-बड़े वादे होंगे। एक आम पैसेंजर की नजर से देखें तो कुछ भी नहीं होगा।

- ब्रजेश कुमार

सिटी में रेलवे में कई सुधार होने हैं। अनवरगंज का रेलवे ट्रैक हटाने की बात भी कही गई थी, इस ट्रैक की वजह से सिटी में जीटी रोड पर रोज जाम लगता है। ऐसी ही कई बातें थीं, जिन पर आज तक अमल नहीं हुआ है। रेलवे में व्यवस्था के नाम पर खेल होता है। रेल बजट से कोई आशा नहीं है।

- अजय दीक्षित

रेलवे बजट से कई आशाएं आम पब्लिक को रहती हैं। सबसे ज्यादा उम्मीद तो किराया कम होने की रहती है। जिस पर आज तक कुछ नहीं हुआ है। हर बार रेलवे का किराया बढ़ता ही बढ़ता है। आम आदमी हर बार की तरह सिर्फ देखता ही रह जाता है।

- धर्मेंद्र सिंह

किराया कम हो तो कुछ बात बने। तत्काल टिकट के कैंसिलेशन के चार्जेस में रिफंड की व्यवस्था फिर से लागू होनी चाहिए। कंफर्म टिकट के लिए दलाल प्रूफ सिस्टम बनाया जाए, जिससे कम से कम आम पैसेंजर्स को कुछ आराम मिले, लेकिन ऐसा होता नहीं है।

- रंजना गुप्ता