मंगलवार को अमेरिका बेस्ड मिराच ग्रुप के र्सोसेज से ये बात सामने आयी है कि वे सहारा ग्रुप पर मानहानि का केस दायर करने की तैयारी कर रहे हैं. इस बारे में मिराच का कहना है की सहारा के साथ एक फाइनेंशियल डील में उसे खासा नुकसान हुआ और उसके इन्वेस्टर का भी उससे भरोसा कम हुआ है. वैसे इससे पहले सहारा ग्रुप ने भी मिराच पर एक 2.05 अरब डॉलर के ऋण सौदे के फेल होने के मामले में जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे. इस मामले में कंपनी ने मिराच के खिलाफ कानूनी प्रोसेज भी पिछले महीने शुरू किया है.

सहारा का कहना था कि कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव सारांश शर्मा ने गैरकानूनी कामों और इतनी बड़ी डील को कंप्लीट करने की फाइनेंशियल एबिलिटी ना होने के चलते डील तो फेल हुई ही सहारा की रेप्युटेशन भी इफेक्ट हुई.  साथ ही सौदे को आगे बढ़ाने में लगे रिर्सोसेज, इन्वेस्टमेंट और टाइम की बबार्दी भी हुई.  

जबकि आज रिलीज किए गए अपने स्टेटमेंट में मिराच कैपिटल ने दावा किया है कि सहारा समूह उसके खिलाफ गलत आरोप लगा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि सहारा के आरोप बेसलेस हैं ये जानने के कंपनी ने फक्टस को रीचेक किया ओर उससे सामने आयर कि उन पर फ्रॉड और चीटिंग का कोई मामला नहीं बनता है. लिहाजा अब वे अपना एक्शन लेने के लिए मजबूर हो गए हैं. कंपनी ने कहा कि लखनऊ की कंपनी, सहारा और इसके प्रतिनिधि लगातार मिराच और शर्मा की साख पर सवाल खड़े करते रहे हैं. मिराच कंपनी का कहना है कि उसने सहारा समूह और इसके सहयोगी माने जाने वाले एक मीडिया हाउस पर 40 करोड़ डॉलर का मुकदमा दायर करने का फैसला किया है.  मिराच ने सहारा के प्रतिनिधियों पर कांट्रेक्ट स्पेसिफिकेशन को तोडऩे का आरोप लगाया है.

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