RANCHI : रिम्स की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली से स्वच्छ भारत कायाकल्प की टीम पहुंची। तीन सदस्यीय टीम ने यहां ओपीडी, एक्सरे, ऑपरेशन थिएटर, सेंट्रल लैब और मेडॉल लैब के अलावा कई विभागों का इंस्पेक्शन किया। इस दौरान कहीं बैठने के लिए कुर्सी नहीं थी तो कही वॉश बेसिन नदारद था। साफ-सफाई की व्यवस्था से भी टीम असंतुष्ट दिखी। अब यह टीम यहां की व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसके आधार पर यहां सुविधाओं को बेहतर करने की कवायद होगी।

ताक पर सफाई व्यवस्था

स्वच्छ भारत कायाकल्प की टीम जब गायनी ओपीडी में पहुंची तो यह देखकर अचरज में पड़ गई कि यहां वॉश बेसिन तक नहीं था। ना ही साबुन था और न ही डिटॉल। बायो मेडिकल वेस्ट भी एक डस्टबीन में यूं ही रखा था। मरीजों को जो सिरींज लगाई गई थी, उसे भी क्रश नहीं किया गया था। इस अव्यवस्था को लेकर टीम के सदस्यों ने रिम्स एडमिनिस्ट्रेशन से कई सवाल भी किए। टीम ने यह भी जानना चाहा कि यहां बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए क्या व्यवस्था है? टीम ने पॉल्यूशन कंट्रोल से संबंधित गाइडलाइन की भी मांग की, ताकि यह पता चल सके कि यहां साफ-सफाई को लेकर किस तरह के अरेंजमेंट किए गए हैं।

सेंट्रल लैब में खामियों से नाराज हुई टीम

सेंट्रल लैब के इंस्पेक्शन के दौरान टीम ने यहां की व्यवस्था का जायजा लिया। वे यह देखकर हैरान रह गए कि यहां जांच से लेकर कलेक्शन सेंटर एक ही जगह काम कर रहे हैं। इस बाबत उन्होंने यहां के स्टाफ से कई सवाल भी किए। स्टाफ्स ने बताया कि जगह व सुविधाओं की कमी के कारण लैब और कलेक्शन सेंटर एक ही जगह चल रहा है। जांच के क्रम में टीम ने यहां दी जा रही सुविधाओं का उपयोग कैसे हो रहा है आदि की जानकारी ली। टीम ने यहां की खामियों में सुधार को लेकर कई दिशा निर्देश भी दिए।

क्लिनिंग एजेंसी को डायरेक्टर की फटकार

डायरेक्टर डॉ बीएल शेरवाल ने शुक्रवार को रिम्स के कई विभागों का निरीक्षण किया। इमरजेंसी व सुपरस्पेशियलिटी विंग में साफ-सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान गंदगी देखकर वे क्लिनिंग एजेंसी पर जमकर बिफरे। स्टाफ को फटकार लगाते हुए पूछा कि वे किस काम के लिए पेमेंट लेते हैं। इस दौरान डायरेक्टर के साथ सुपरिटेंडेंट डॉ एसके चौधरी समेत कई अधिकारी मौजूद थे।