>RANCHI: झारखंड से लापता बच्चों को कब्जे में कर बच्चा चोर गिरोह उनसे दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु जैसे महानगरों में मोबाइल चोरी करवा रहा है। इन गिरोह के सदस्यों की नजर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर है। कोई भी लावारिश बच्चा देखते ही गिरोह उसे अपने रिश्तेदार का बच्चा बताकर कब्जे में लेता है और उन्हें चोरी जैसे जघन्य कांडों को करने की ट्रेनिंग देता है। हाल ही में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बच्चों से चोर गिरोह द्वारा काम लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। रिपार्ट में जिक्र है कि मुंबई, दिल्ली, बंगलुरु आदि महानगरों में झारखंड के अधिकतर बच्चे मोबाइल और पर्स चुराने में शामिल हैं।

क्म्77 बच्चे परिवार से दूर

जानकारी के मुताबिक, झारखंड के क्म्77 बच्चे अब भी लापता हैं। ये बच्चे अपने परिवार से दूर हैं। इसके बावजूद न इन्हें ट्रेस किया गया है और न ही इनका कोई फोन आया है। सीआईडी में गुमशुदा बच्चों की रिकॉर्ड है। इस पर सीआईडी पुलिस टीम बनाकर कार्रवाई कर रही है।

फ् माह देर से ऑपरेशन मुस्कान

होम मिनिस्ट्री का आदेश था कि प्रत्येक राज्य अपने-अपने राज्य से मिसिंग चाइल्ड को बरामद करने की प्रक्रिया फ्क् जनवरी तक पूरी कर लें। लेकिन झारखंड में यह प्रक्रिया पूरी तरह लंबित रही। अब ऑपरेशन मुस्कान फ्क् मार्च से शुरू किया जा रहा है। गौरतलब हो कि लापता बच्चों के मामले में झारखंड विधानसभा में मुददा उठाया गया था।

अपडेट नहीं वेबसाइट

झारखंड सरकार ने मिसिंग चाइल्ड ट्रैफिकिंग की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के सरकार में हुई थी। पर, वह अब भी सुषुप्ता अवस्था में है। अब भी वेबसाइट पर अर्जुन मुंडा की तस्वीर ही अपलोड दिख रही है। उसमें कोई भी डाटा अपडेट नहीं किया गया है।

---प्वाइंट टू बी नोटेड के लोगो के साथ----

क्या है ऑपरेशन मुस्कान

सीआईडी एडीजी एसएन प्रधान के मुताबिक, ऑपरेशन मुस्कान के तहत लापता बच्चों को बरामद करना है। उन्हें उनके परिवार तक पहुंचाना है। इसके लिए सीआईडी विभाग की टीम दस साल पहले घर से लापता बच्चों का कंप्यूटर के माध्यम से डिटेल्स निकालेगा। उसमें उस वक्त की तस्वीर और वर्तमान तस्वीर से मिलान किया जाएगा, ताकि लापता बच्चों की पहचान हो सके।

-----बॉक्स बंद---

यहां हैं झारखंड के बच्चे

झारखंड के लापता बच्चे बेंगलुरु, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मुंबई, धनबाद, कोलकाता, राजस्थान में फंसे हैं। इन बच्चों को वहां के शेल्टर होम में रखा गया है। डाटा के मुताबिक, अब भी म्भ्0 बच्चे देश के विभिन्न शेल्टर होम में बंद हैं।