5000
से अधिक केसेज योजना के तहत जिले में हो चुके हैं
3500
केसेज का क्लेम भी लिया जा चुका है
42
हॉस्पिटल्स पर आयुष्मान योजना को लेकर ठीक से काम नहीं करने का आरोप
160
हॉस्पिटल्स आयुष्मान योजना के पैनल का हिस्सा बन चुके हैं
-पैसे की लालच में सोरांव के हॉस्पिटल ने 29 अंडर एज महिलाओं की बच्चेदानी का कर दिया ऑपरेशन
सिविल लाइंस के एक हॉस्पिटल पर दोहरा लाभ लेने का आरोप
शिकायत पर दो दर्जन से अधिक मामलों की कराई गई ऑडिट
vineet.tiwari@inext.co.in
PRAYAGRAJ: आयुष्मान योजना की आड़ में मरीजों को लूटने की होड़ मची हुई है. सोरांव के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में अंडर एज महिलाओं की बच्चेदानी के ऑपरेशन का मामला सामने आया है. सिविल लाइंस के एक निजी हॉस्पिटल में योजना के तहत मरीजों से दोहरा लाभ लेने के आरोप में उसे डिपैनल करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. दो दर्जन से अधिक केसेज की शासन द्वारा ऑडिट भी कराई गई है.
शुरुआती जांच में दिख गया झोल
सोरांव के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बच्चेदानी के ऑपरेशन के 29 मामले सामने आने के बाद शासन के कान खड़े हो गए.
शुरुआती जांच में पाया गया कि सभी ऑपरेशन में अनियमितता बरती गई है.
महिलाओं की एज 25 से 35 साल के बीच मिली.
नियमानुसार 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में बच्चेदानी के आपरेशन की अनुमति दी जाती है.
हॉस्पिटल एक एमएलए का बताया जाता है.
आयुष्मान योजना में बच्चेदानी के ऑपरेशन का पैकेज 16 हजार निर्धारित किया गया है.
दोनो ओर से फायदा लेने की कोशिश
सिविल लाइंस के एक प्राइवेट हॉस्पिटल की लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं. मरीजों का कहना है कि हॉस्पिटल ने बीमारी को योजना के पैकेज के बाहर बताकर उन्हें भर्ती कर लिया और इलाज के पैसे ले लिए. बाद में इसी बीमारी का क्लेम शासन से भी ले लिया. दोहरा लाभ लेने के तीन मामले लिखित में भी स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंचे हैं. कई मामले सामने आने पर शासन ने हॉस्पिटल को पैनल से बाहर करने के आदेश दिए हैं. साथ ही सभी पेमेंट पर रोक लगा दी गई है.
42 हॉस्पिटल पर लटक रही तलवार
कुल मिलाकर जिले के 42 हॉस्पिटल्स पर आयुष्मान योजना को लेकर ठीक से काम नही करने का आरोप लगा है. इन सभी को चिन्हित कर तलब किया गया है. सभी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजना का लाभ मरीजों को देने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा नहीं करने पर उनको पैनल से बाहर कर दिया जाएगा. अब तक कुल 160 हॉस्पिटल्स योजना के पैनल का हिस्सा बन चुके हैं.
राडार पर हैं हॉस्पिटल
अभी तक 5000 से अधिक केसेज योजना के तहत जिले में हो चुके हैं और इनमें से 3500 का क्लेम भी लिया जा चुका है. जिन हॉस्पिटल्स पर आरोप लगे हैं उनको शासन के राडार पर रखा गया है. थर्ड पार्टी द्वारा उन पर नजर रखी जा रही है. खासकर मरीजों को पैकेज से बाहर का बताकर वापस करने वाले हॉस्पिटल्स के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है.
नियम के खिलाफ अंडर एज महिलाओं की बच्चेदानी का ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है. इसकी शिकायत शासन को की गई थी, जिसकी जांच की जा रही है. हमारी ओर से हॉस्पिटल्स को नियमानुसार काम करने की हिदायत दी जा रही है.
-डॉ. राहुल सिंह,
नोडल, आयुष्मान योजना
जो भी हॉस्पिटल पैसे की लालच में गलत काम कर रहे हैं, उनको शासन ने राडार पर लिया हुआ है. जांच चल रही है और कार्रवाई भी शासन तय करेगा. हमारा काम योजना की मॉनीटरिंग कर रिपोर्ट देना है, जिसे बखूबी अंजाम दिया जा रहा है.
-डॉ. मेजर गिरिजाशंकर बाजेपई,
सीएमओ