- फ‌र्स्ट इयर में ही एमएमएमयूटी ने दिखा दिए अपने तेवर

- रैगिंग और मनमाने स्टूडेंट्स के लिए इंजीनियरिंग की राह नहीं होगी आसान

- दो स्टूडेंट्स हो चुके हैं रेस्टिकेट, जबकि पांच को हॉस्टल से किया गया निष्कासित

GORAKHPUR : इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज का बॉलीवुड मूवीज में दिखाए जाने वाला माहौल, स्टूडेंट्स के फ्यूचर पर भारी पड़ रहा है। मूवीज की तरह वह भी अपनी कॉलेज लाइफ को उसी अंदाज में जीने की कोशिश करते हैं, जैसा कि मूवीज में दिखाया जाता है। मगर स्टूडेंट्स की यह गलतफहमी उस वक्त दूर हो गई, जब प्रदेश की पहली रेसिडेंशियल यूनिवर्सिटी एमएमएमयूटी ने पहले साल में ही अपने तेवर दिखा दिए। स्टूडेंट्स की एक गलती उनके फ्यूचर पर भारी पड़ गई। यूनिवर्सिटी की डिसिप्लिनरी कमेटी ने जहां दो स्टूडेंट्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया, वहीं भ् स्टूडेंट्स को हॉस्टल से बाहर कर दिया। यूनिवर्सिटी के तेवर से तो साफ है कि वह डिसिप्लिन से कोई कम्प्रोमाइज नहीं करने वाला।

पहली ही बॉल में सिक्सर

मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी का पहला एकेडमिक सेशन। हाल ही में स्टार्ट हुई क्लासेज, मगर तेवर ऐसे जैसे कि टी-ख्0 मैच हो रहा हो। इसमें यूनिवर्सिटी ने पहली बॉल पर ही सिक्सर जड़ दिया। थर्सडे नाइट यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर तीन स्टूडेंट्स को पुलिस ने नशे की हालत में पकड़ लिया था, जिसके बाद पुलिस ने उनका आई-कार्ड अपने पास रख लिया। इसे नेक्स्ट डे उन्होंने यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर को सौंप दिया। मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि फ्राइडे को ही कुछ थर्ड इयर के स्टूडेंट्स से फाइनल इयर के स्टूडेंट्स के साथ मारपीट की बात सामने आने लगी। लगातार एक के बाद एक घटना को सीरियसली लेते हुए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अनुशासन समिति की इमरजेंसी बैठक बुलाई, जिसमें ख् स्टूडेंट्स को सेशन ख्0क्ब्-क्भ् के लिए यूनिवर्सिटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया, वहीं दूसरी ओर पांच स्टूडेंट्स को हॉस्टल से बाहर कर, उनके अनुशासन के सेंट परसेंट मा‌र्क्स काटने का डिसीजन लिया। इन सभी स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को बुलाकर इस कार्रवाई से भी अवगत कराया जाएगा। वहीं रेस्टिकेट किए गए स्टूडेंट्स की कैंपस में एंट्री तक बैन कर दी गई है।

पहली बार नहीं हुआ है मामला

मारपीट का किस्सा एमएमएमयूटी में पहली बार नहीं हुआ है। एमएमएमयूटी से जुड़े सोर्सेज की मानें तो इन स्टूडेंट्स को पहले भी कई बार अल्टीमेटम दिया जा चुका था, लेकिन यह अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे थे। नाम न छापने की शर्त पर फाइनल इयर के एक स्टूडेंट्स ने बताया कि यह स्टूडेंट्स पहले साल से ही मारपीट करने में काफी आगे थे, फ‌र्स्ट इयर में यह एक बार फेल भी हो चुके हैं। एक बार तो इन्होंने अपनी सीनियर को ही पीट दिया था, जिसके बाद उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। तीन बार अल्टीमेटम के बाद भी जब इनमें सुधार नहीं आया तो यूनिवर्सिटी को मजबूरी में उनपर सख्त डिसिप्लिनरी एक्शन लेना पड़ा।

इनको किया गया रेस्टिकेट -

राघवेंद्र प्रताप सिंह, ईसीई, सेकेंड इयर

अशोक कुमार, मैकेनिकल इंजीनियरिंग सेकेंड इयर

इनको हॉस्टल से किया गया निष्कासित -

सीमांत राज चौहान, ईसीई, थर्ड इयर

दीपक पांडेय, ईसीई, थर्ड इयर

सुनील गोंड, एमई, थर्ड इयर

आकाश सिंह, सीई, थर्ड इयर

नितेश कुमार सीई, थर्ड इयर