- कृषि के क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए MMMUT में बनाया जाएगा TBI

- स्टूडेंट्स के कौशल विकास के साथ ही किसानों को भी मिलेगा इसका लाभ

GORAKHPUR: टेक्निकल एजुकेशन प्रोवाइड करने के साथ ही अब मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में भी अपनी कदम बढ़ाने जा रही है। कृषि के क्षेत्र में कार्य करना चाह रहे मेधावियों का कौशल विकास कर उन्हें स्वरोजगार के लिए तैयार करने के मकसद से यूनिवर्सिटी कैंपस में टीबीआई (टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर) बनाने की तैयारी का जा रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की मानें तो इससे ना सिर्फ टेक्नोलॉजी बेस्ड कृषि को बढ़ावा मिलेगा। बल्कि स्वरोजगार में भी काफी हद तक लोगों को सहूलियत मिलेगी। इसके लिए एक करोड़ 30 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।

जल्द होगा शुरू

पूर्वी उत्तर प्रदेश तराई बेल्ट होने के चलते यहां कृषि पर ज्यादा फोकस है। कृषि के क्षेत्र में करोड़ों के कारोबार में चार चांद लगाने के लिए और टेक्नोलॉजी बेस्ड कृषि को बढ़ावा देने के लिए एमएमएमयूटी की योजना है कि कैंपस में 'टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर' (टीबीआई) की शुरुआत की जाए। जहां युवाओं को विभिन्न विधाओं में ट्रेनिंग देकर उनका कौशल विकास किया जा सके। यूनिवर्सिटी की ओर से इस बाबत प्रस्ताव केंद्रीय लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उपक्रम मंत्रालय को भेजा गया है। इसके मुताबिक, इसमें फूड प्रोसेसिंग से जुड़े छोटे उद्योगों के लिए ट्रेनिंग दी जानी है।

युवाओं को मिलेगा फायदा

इस योजना से टेक्निकल एजुकेशन प्राप्त कर रहे स्टूडेंट्स के साथ ही कृषि के क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं को भी लाभ मिलेगा। खासकर ऐसे उद्योग जिनके लिए कच्चा माल पूर्वाचल में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। फिलहाल केला, आम, लीची, मूंगफली, हल्दी से बनने वाले उत्पादों के बारे में ट्रेनिंग दिए जाने की योजना है। जिसमें केला फाइबर निर्माण, आम व लीची के जूस तैयार करना, कागज की लुग्दी से अंडे का बास्केट तैयार करना आदि सिखाया जाएगा।

वर्जन

बेहतर शिक्षा देने के साथ ही यूनिवर्सिटी की समाज के प्रति भी जिम्मेदारी है। इसी जिम्मेदारी के क्रम में यूनिवर्सिटी में टेक्नोलॉजी बिनजेस इंक्यूबेटर की स्थापना का प्रयास शुरू किया गया है।

- शंभूनाथ चौधरी, रजिस्ट्रार, एमएमएमयूटी