रांची: डीजीपी केएन चौबे की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय सभागार में बुधवार को मॉब-लिंचिंग के मामलों की समीक्षा की गयी। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के एसएसपी, रेलवे एसपी व क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षकों के साथ मॉब-लिंचिंग कांडों के अनुसंधान की वर्तमान स्थिति सहित निष्पादित कांडों में ट्रायल की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बता दें कि पिछले तीन वर्षो में मॉब लिंचिंग की हुई चार घटनाओं में 51 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी।

लंबित कांडों में करें कार्रवाई

मॉब लिंचिंग से सम्बद्ध प्रतिवेदित कांडों की समीक्षा के दौरान डीजीपी ने लम्बित कांडों में कार्रवाई करते हुए उनका अनुसंधान जल्द पूरा करने व त्वरित विचारण के अन्तर्गत सुनवाई कराने का निर्देश दिया। इन कांडों की जिलावार समीक्षा क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षकों के स्तर से की जाती रहेगी।

पिछले तीन वर्षो में मॉब लिंचिंग के हुए 4 कांडों में टोटल 51 अभियुक्तों को सम्बन्धित न्यायालयों की ओर से सजा सुनायी जा चुकी है, जिनमें कैरो (लोहरदगा) थाना कांड संख्या-09/16 में कुल-22, रामगढ़ थाना काण्ड संख्या-198/17 में 11, बालूमाथ (लातेहार) थाना काण्ड संख्या-42/16 में 8 तथा चन्द्रपुरा (बोकारो) थाना काण्ड संख्या-46/17 में 10 अभियुक्तों को सजा सुनायी गयी है।

अंकुश के लिए कराएं प्रचार प्रसार

समीक्षा के दौरान जिलों में बनाये गये नोडल पदाधिकारियों सहित सम्बन्धित एसएसपी, एसपी द्वारा मॉब लिंचिंग के संभावित स्थानों, क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उसकी रोकथाम के लिए कड़ा कदम उठाने को कहा गया। इसके साथ ही ऐसी घटना पर अंकुश लगाने के लिए रेडियो, टेलीविजन व बैनर/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश भी पुलिस महानिदेशक ने दिया।