- कोरोना मरीज अब अस्पताल में रख सकेंगे मोबाइल फोन

- अस्पताल प्रबंधन को देनी होगी जानकारी, दूसरे रोगी व स्वास्थ्यकर्मी से नहीं कर सकेंगे साझा

LUCKNOW : कोविड-19 के लेवल टू व लेवल थ्री अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज अब मोबाइल फोन रख सकेंगे। उन्हें इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को बताना होगा कि उनके पास मोबाइल फोन व चार्जर है। फिर अस्पताल प्रशासन उनके मोबाइल फोन को सेनेटाइज कर विसंक्रमित करेगा। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज सिर्फ मोबाइल का अपने लिए ही प्रयोग कर सकेगा। उसे मोबाइल फोन या चार्जर किसी अन्य रोगी व स्वास्थ्य कíमयों के साथ साझा करने की इजाजत नहीं होगी। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण की ओर से यह आदेश रविवार को जारी किए गए।

बैकफुट पर विभाग

दरअसल बीते शनिवार को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के मोबाइल फोन प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था। यह आदेश दिए गए थे कि वार्ड के इंचार्ज के पास दो मोबाइल फोन उपलब्ध करवाए जाएंगे और उसी के माध्यम से मरीज अपने परिजनों से बात करेगा और जरूरत पड़ने पर शासन के अधिकारी भी बात कर सकेंगे। मगर इसे लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग बैकफुट पर आ गया और 24 घंटे के भीतर ही उसे अपना आदेश बदलना पड़ा।

महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा की ओर से रविवार को जारी आदेश में कोविड-19 के लेवल टू के 75 अस्पतालों और लेवल थ्री के 25 अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अब आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज को मोबाइल फोन का प्रयोग करने दें। मरीज के ठीक होने के बाद जब आइसोलेशन वार्ड से उसे डिस्चार्ज किया जाएगा तो अस्पताल प्रबंधन फिर एक बार उसके मोबाइल को डिसइन्फेक्ट करेगा और मरीज को देगा। आइसोलेशन वार्ड से बाहर निकलने के पश्चात फिर से मरीज को अस्पताल प्रशासन को यह बताना होगा कि उसके पास मोबाइल फोन व चार्जर है। फिलहाल इसे आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।