- सीबीएसई बोर्ड से अभी तक नहीं पूरी हुई मान्यता की कार्रवाई

- एक सितंबर से होने हैं सीबीएसई बोर्ड के नौवीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन

- पूरे प्रदेश में 18 अभिनव स्कूलों का किया जा रहा है संचालन

- मानक पूरे न होने के कारण सीबीएसई ने नहीं दी मान्यता

LUCKNOW: स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम दो समाजवादी अभिनव स्कूल (मॉडल स्कूल)) की स्थापना की थी। मगर यह स्कूल संचालन से पहले ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गए हैं। अभी तक इन अभिनव स्कूलों का सीबीएसई बोर्ड से मान्यता नहीं मिल सकी है, जबकि शिक्षा के अधिकार आरटीई के तहत बिना मान्यता के स्कूलों के संचालन पर रोक है। इसके बाद भी माध्यमिक शिक्षा विभाग भी बिना मान्यता के स्कूलों का संचालन कर रहा है। आलम यह है कि अब प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट समाजवादी अभिनव स्कूल का मामला अधर में लटक गया है।

मानक पूरे नहीं, फिर भी दिए एडमिशन

राजधानी समेत प्रदेश भर में 18 समाजवादी अभिनव स्कूलों का संचालन इस साल अप्रैल मंथ से शुरू किया जा रहा है। मानक पूरे न होने के कारण सीबीएसई ने अभी तक इनको मान्यता नहीं दी है। इसके बावजूद इन स्कूलों में छह से नौंवी क्लास तक एडमिशन लेकर शिक्षा विभाग न केवल नियमों का खुला उल्लंघन कर रहा है, बल्कि अब बोर्ड के नियमों के अनुसार हाईस्कूल एग्जाम में शामिल होने के लिए नौंवी क्लास में होने वाले रजिस्ट्रेशन भी लटक गए हैं। सीबीएसई बोर्ड एक सितंबर से अपने यहां पर नौंवी और 11वीं क्लास की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करता है। पर अब तक मान्यता न मिलने से इन स्कूलों में पढ़ रहे स्टूडेंट्स का नौंवी में रजिस्ट्रेशन लटक गया है।

छह माह से मान्यता के प्रयास जारी

काकोरी के नगराम स्थित करौरा गांव में इस सेशन से अभिनव स्कूल का संचालन शुरू किया गया। प्रदेश सरकार ने तीन करोड़ की लागत से राजधानी में इसका निर्माण कराया है। मौजूदा समय में इस स्कूल में अभी तक छह से नौंवी क्लास में कुल मिलकर करीब 220 से अधिक स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जा चुका है। शिक्षा विभाग की ओर से इन्हें पढ़ाने के लिए सात शिक्षक लगाए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से बीते छह मंथ से इन स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता दिलाने की कोशिश की जा रही है। पर बोर्ड ने मानक पूरे न होने के कारण मान्यता की फाइल लटका रखी है।

डायरेक्टर ने मांगा सर्टिफिकेट

अभिनव स्कूलों की मान्यता लटकने के बाद इस पूरे मामले पर माध्यमिक डायरेक्टर ने सभी मंडलों के जेडी से जवाब तलब किया है। अपने लेटर में डायरेक्टर ने जेडी को सीबीएसई की मान्यता के लिए स्कूल से जुड़े सभी संबंधित डॉक्यूमेंट और सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने को कहा है। इसमें स्कूलों में सभी भौतिक साधनों के रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने को कहा है।

फंसेगा हाईस्कूल बोर्ड का मामला

सीबीएसई की हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए नौंवी क्लास में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। इसके बिना कोई भी स्टूडेंट्स हाईस्कूल की परीक्षा नहीं दे सकता है। ऐसे में मान्यता न मिलने से एक सितंबर से शुरू हो रहे सीबीएसई बोर्ड के पंजीकरण नहीं हो सकेंगे। ऐसे में अगले साल हाईस्कूल की परीक्षा देना संभव नहीं होगा। बोर्ड अगर किसी भी सूरत में इस साल मान्यता देता है तो भी ये स्कूल अगले सेशन से संचालित किए जाने के लिए मान्य होंगे। जानकारों का कहना है कि सेशन 2017-18 में मान्यता के लिए सीबीएसई ने 30 जून तक आवेदन लिए हैं। बोर्ड की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के हिसाब से 2017-18 के लिए कोई आवेदन नहीं लिया जाएगा। एक जनवरी 2017 से शैक्षिक सत्र 2018-19 की मान्यता के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इन स्कूलों के मान्यता से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट इकठ्ठा किए जा रहे हैं। अगले कुछ वीक में मान्यता की कार्रवाई के लिए बोर्ड को आवेदन भेज दिया जाएगा। विशेष प्रयास कर सभी स्कूलों को इस सेशन में मान्यता दिलाने की कोशिश की जा रही है।

- अमर नाथ वर्मा,

डायरेक्टर, माध्यमिक शिक्षा

कोट:

स्कूल के सभी मानकों की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। एक दो दिन में डायरेक्टर को सभी प्रमाणपत्र भेज दिये जाएंगे। जल्द ही मान्यता की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।

- दीप चंद,

जेडी, लखनऊ मंडल