छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : संस्थापक दिवस पर झारखंड को पहले आधुनिक कैंसर अस्पताल की सौगात मिलने जा रही है। तीन मार्च को टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन इस अस्पताल का शुभारंभ करेंगे.इसके बाद अब बिहार-झारखंड के मरीजों को कैंसर के बेहतर इलाज के लिए महानगरों का रुख नहीं करना होगा। अस्पताल में कई ऐसी आधुनिक मशीनें लाई गई हैं जो कैंसर की सटीक जानकारी देगा ही साथ ही मरीजों को इसकी मुक्ति के लिए बेहतर इलाज भी मुहिया कराएगा।

आई थ्रू बीन लीनेक्स मशीन

एमटीएमएच में थ्रू बीन लीनेक्स के रूप में एक नई मशीन आई है। ऐसी मशीन सिर्फ दिल्ली, कोलकाता और हैदराबाद जैसे शहरों में ही है। इस मशीन की खासियत है कि कैंसर को बढ़ाने वाली सेल्स पर सीधा हमला कर उसे खत्म करेगी। शरीर में मौजूद अन्य सेल्स को यह किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी।

क्या-क्या मिलेगी फैसिलिटीज

1-हर विभाग में दो-दो वार्ड

इस नए अस्पताल से टाटा समूह सहित भारत सरकार द्वारा संचालित सेल, एचइसी, एचसीएल, एनएमएल और रेलवे के कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। इस नए अस्पताल में मेडिकल ऑनक्योलॉजिस्ट, रेडिशन ऑनक्योलॉजिस्ट, पेलिएटिव केयर, डे केयर को दो-दो वार्ड रहेंगे।

2-पेट सिटी से कैंसर की जांच

अस्पताल में पेट सिटी मशीन की खासियत होगी कि किसी मरीज के शरीर में कैंसर के सेल्स कहां-कहां और कितनी दूर तक फैल चुके हैं। शरीर को कितना नुकसान पहुंच चुका है। इसकी सटीक जानकारी पेट सिटी मशीन मिलेगी।

3- डे केयर की भी सुविधा श्

अस्पताल में पहली बार डे केयर की सुविधा शुरू की जा रही है। इसकी खासियत होगी कि यदि कोई मरीज शहर से बाहर का है तो वह दिन भर कीमोथैरेपी लेकर शाम तक अपने घर भी जा सकता है।

1927 में एमटीएमएच का हुआ था शुभारंभ

सर दोराब जी टाटा की पत्नी मेहरबाई टाटा के नाम से वर्ष 1927 को एमटीएमएच अस्पताल का शुभारंभ हुआ था। टाटा समूह इस अस्पताल को अब आधुनिक रूप दे रहा है। दो मार्च 2018 को टाटा समूह के मार्गदर्शक रतन टाटा ने नए अस्पताल की आधारशिला रखी थी।

कुछ ऐसा होगा हॉस्पिटल

-सभी वार्ड होंगे आधुनिक व वातानुकूलित

बिल्डिंग को जोड़ने के लिए है स्काई ब्रिज

-अस्पताल में डॉक्टरों व नर्सो की संख्या दोगुनी

-दिल्ली, चंडीगढ़ और कोलकाता से आए विशेषज्ञ डॉक्टर

-हर विभाग के लिए रहेंगे तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर

-ओपीडी के लिए रहेंगे आठ कंसल्टेंट के केबिन।