कुंभ मेला में जल पुलिस और गोताखोरों को पहली बार दिया जाएगा सर्च करने के लिए आधुनिक उपकरण

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ALLAHABAD: संगम की रेत पर लगने जा रहे कुंभ मेला में श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए पुलिस की ओर से व्यापक इंतजाम किया जा रहा है। खासतौर से नदी के भीतर होने वाली किसी भी घटना को सर्च करने के लिए जल पुलिस और गोताखोरों को आधुनिक उपकरण से लैस डाइविंग सूट देने की योजना बनाई गई है। सूट के जरिए मेला की अवधि में हर वक्त जल पुलिस के प्रशिक्षित गोताखोर ना केवल घाटों के आसपास मुस्तैद रहेंगे बल्कि कंट्रोल रुम उनकी आला अधिकारियों के द्वारा लगातार मानिटरिंग भी की जाएगी।

गोताखोरों को किया जाएगा ट्रेंड

जल पुलिस के पास अभी तक आधुनिक सुविधाओं से लैस डाइविंग सूट जैसा उपकरण नहीं था। लेकिन इस बार के आयोजन में विशेष व्यवस्था की गई है। कुंभ मेला के दौरान डाइविंग सूट का इस्तेमाल करने वाले गोताखोरों को सूट पहनाकर उन्हें नदी के भीतर सर्च आपरेशन चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए दिसम्बर महीने में गोताखोरों को ट्रेनिंग कराई जाने की योजना बनाई गई है।

शासन से मिला ढाई करोड़ का बजट

यूनेस्को से कुंभ मेला को सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किए जाने के बाद उसको भव्य बनाने को लेकर पुलिस विभाग की ओर से डाइविंग सूट के लिए ढाई करोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। जिसे शासन से सितम्बर के तीसरे सप्ताह में स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य

-जल पुलिस व प्रशिक्षित गोताखोरों के लिए मेला की अवधि में सौ डाइविंग सूट की व्यवस्था की गई है। इसमें से प्रत्येक सूट की कीमत दो लाख तीस हजार रुपए है।

-सूट के जरिए नदी के भीतर तीस मिनट तक सर्च आपरेशन चलाया जा सकता है। जिसमें विशेष लाइट व वायरलेस सिस्टम लागू रहेगा।

-सूट में ऑक्सीजन के साथ पानी के अंदर से कंट्रोल रुम में आसानी से आला अधिकारियों से बात भी हो सकेगी।

-जिन गोताखोरों को डाइविंग सूट की सुविधा सर्च आपरेशन चलाने के लिए दी जाएगी उसके लिए उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

जल पुलिस के पास अभी तक आधुनिक उपकरण से लैस संसाधन की कमी थी। कुंभ मेला के दौरान श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए डाइविंग सूट इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए बजट जारी हो चुका है। अब गोताखोरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ताकि आयोजन के दौरान किसी भी तरह की असुविधा ना हो सके।

नीरज पांडेय, एडिशनल एसपी कुंभ मेला