PATNA : मार्डन लाइफ स्टाइल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जन्म दे रहा है। अनियमित दिनचर्या और खान-पान में लापरवाही के साथ पर्यावरण से खिलवाड़ काफी हद तक जिम्मेदार साबित हो रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक कीटनाशक,पर्यावरण रेडिएशन और वायरल इंफेक्शन बच्चों में कैंसर बढ़ा रहा है। महावीर कैंसर हास्पीटल में कैंसर पीडि़त बच्चों के इलाज के लिए दिल्ली इंद्रपस्थ अपोलो अस्पताल से आई कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ अमिता महाजन ने आई नेक्स्ट से बातचीत के दौरान कहा कि अभिभावक जागरूक रहें तो बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है।

ख्0त्‍‌न बच्चों का हो पाता है इलाज

डॉ अमिता महाजन का कहना है कि देश में हर वर्ष भ्0 हजार और बिहार में क्फ्00 बालक कैंसर की जाल में फंस रहे हैं। कैंसर को आम तौर पर असाध्य रोग समझा जाता है जबकि ऐसा नहीं है। समय पर इसका इलाज किया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है। लेकिन अधिक संख्या में बच्चों की मौत अभिभावकों की अज्ञानता के कारण होता है। देश में महज ख्0 प्रतिशत कैंसर पीडि़त बच्चों को ही सही इलाज मिल पाता है।

बिहार में स्थित दयनीय

डॉक्टर महाजन का कहना है कि प्रदेश में अशिक्षा और जागरूकता का अभाव है। इससे कैंसर पीडि़त बच्चों की संख्या एक तरफ बढ़ रही है और दूसरी तरफ उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल रहा है। इसके कई कारण हैं और लक्षण भी हैं लेकिन मरीज के परिजन अज्ञानता बस तब इसे जान पाते हैं जब स्थिति काफी विकट हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर भी बीमारी से हार मान जाता है।

पीडि़त बच्चों का नि:शुल्क इलाज

डॉ महाजन का कहना है कि कैंसर पीडि़त बच्चों की पीड़ा देखी नहीं जाती है। इसलिए हर माह वह दिल्ली से बिहार के महावीर कैंसर संस्थान आती हैं। वह हर माह यहां नि:शुल्क चिकित्सा सेवा देती हैं। उनका कहना है कि वह लोगों को जागरुक करने का पूरा प्रयास करती हैं क्योंकि लोग अवेयर हों तो इस बीमारी से निपटना आसान हो जाएगा। वह हर माह करीब क्ख्0 कैंसर बच्चों का इलाज बिहार में करती हैं।

अस्पताल में हर वर्ष ख्00 नए मरीज आते हैं। उनका कहना है कि अब कोई भी इलाज के अभाव में नहीं मरेगा इसके लिए संस्थान विशेष व्यवस्था कर रहा है। डॉ महाजन का कहना है कि बच्चों में तेजी से ब्लड और ब्रेन कैंसर बढ़ रहा है जो काफी चिंता की बात है। इसमें 80 फीसदी बच्चे ब्लड कैंसर और ख्0प्रतिशत बच्चे ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त होते हैं। हम लोगों को जागरुक कर रहे हैं और ब्लड डोनेशन बढ़ाने के लिए भी अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में बीमारी क्भ् दिनों में न ठीक हो तो डॉक्टर को कैंसर की जांच कराना चाहिए।

कैंसर पीडि़तों में बच्चों की संख्या बढ़ रही है। कीटनाशक, पर्यावरण और रहन सहन के साथ खानपान काफी हद तक जिम्मेदार है। रेडिएशन ने भी इस मामले को बढ़ाया है। ऐसे में लोगों को जागरूक होना होगा जिससे समय पर रोग की पहचान और इलाज हो सके।

-डॉ अमिता महाजन, कैंसर स्पेशलिस्ट

इंद्रपस्थ अपोलो अस्पताल, दिल्ली