दुर्घटना के शिकार दिव्यांगों को दी सरकारी मदद

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में शामिल होने आ रहे दिव्यांगों की बस दुर्घटना पर प्रधानमंत्री ने खेद व्यक्त करते हुए वराणसी में फिजिकली चैलेंज लोगों को कान की मशीन, लैपटाप और व्हील चेयर प्रदान की। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि इस दुर्घटना में आहत हुए लोगों के इलाज का सारा खर्च सरकार उठाएगी। पीएम बोले कि पिछले दिनों जापान के प्रधानमंत्री आए थे और जब में जापान गया तो वहां वाराणसी की तारीफ सुनकर गर्व हुआ। हमारी सरकार लागातार यह सोचती है किस तरह गरीबों का विकास हो और उनकी जिंदगी बदले। मुझे गरीबों की दुर्दशा देखकर तकलीफ होती है।

दिव्यांगों के लिए कैंप पर जतायी खुशी

पीएम ने दिव्यांगों के लिए लगाये गये इस कैंप पर खुशी जताते हुए कहा कि ये पहला कैंप नहीं है इससे पहले 1800 कैंप लग चुके हैं और आगे भी लगते रहेंगे। हमारे दिव्यांग भाई-बहनों को कुछ सहजता हो जाए, कुछ सुविधा हो जाए, ये प्रयास चला है और चलता रहेगा। यह विभाग 1992 में बना था 1992-2014 तक मुश्किल से 100 के लगभग कैंप लगे लेकिन हमने सालभर में 1800 कैंप लगाए।

बिचौलियों की भूमिका समाप्त

उन्होंने कहा कि ये कैंप लगाने का परिणाम यह हुआ है कि जो बिचौलिये थे उनकी दुकान बंद होने लगी और इसके बाद वो कोशिश करने लगे की मैं विचलित हो जाऊं, अपना रास्ता छोड़ दूं। बिचौलियों की दुकान बंद हुई है। उनको तकलीफ हो रही है लेकिन उनकी परेशानी से मुझे कोई तकलीफ नहीं है। यह कार्यक्रम चलता रहेगा। इससे पहले पीएम ने उन बच्चों से मुलाकात की जिनका आपरेशन हुआ था। मुलाकात के दौरान बच्चों ने पीएम फूल दिये वहीं पीएम ने दिव्यागों को आधुनिक उपकरण दिए। इनमें राहुल सोनकर को लैपटॉप, दिव्या पाण्डेय को दृष्टिबाधितों के लिए उपयोगी ध्वनि के साथ उपलब्ध टैबलेट दिया। इसके बाद पीएम वाराणसी से नई दिल्ली के बीच महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इस मौके के लिए महामना एक्सप्रेस के इंजन से लेकर सभी कोचों को माला-फूल से सजाया गया था।

रोहित पर पहली बार बोलते हुए भावुक हुए मोदी

बाद में लखनऊ पहुंचे मोदी ने भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में पहली बार हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला पर अपने विचार रखे। पीएम रोहित को याद करते हुए भावुक हो गए और बोले की एक मां भारती ने अपना बेटा खोया है। दरअसल पीएम मोदी छात्रों को संबोधित कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने रोहित को याद करते हुए कहा कि असफलता जिंदगी का हिस्सा है और किसी को इससे डरना नहीं चाहिए। असफलता तो सफलता के लिए खाद का काम करती है। हमें अपनी असफलताओं से सीखना चाहिए। इससे पहले पीएम ने अपने संबोधन में छात्रों को कहा कि आपको क्या करना है और क्या नहीं अगर यह भी मुझसे समझना पड़े तो आपकी शिक्षा अधूरी है। शिक्षा वो है जो करने योग्य और ना करने योग्य का भेद करने में आपको सिद्धहस्त बनाए।

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