कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तमिलनाडु का महाबलीपुरम शहर पूरी तरह से तैयार है। बताया जा रहा है कि शी चिनफिंग का विमान दोपहर 2.10 बजे चेन्नई एयरपोर्ट पर लैंड करेगा। चिनफिंग के आगमन से पहले चेन्नई के आईटीसी ग्रैंड चोला होटल के बाहर चीनी समुदाय के सदस्य, स्कूली बच्चे और अन्य लोग भारी संख्या में इकट्ठा हो गए हैं। बता दें कि चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरने के बाद चिनफिंग सीधे आईटीसी ग्रैंड चोला होटल में ही आने वाले हैं। यहां थोड़ी देर रुकने के बाद वह महाबलीपुरम के लिए रवाना होंगे। चेन्नई से महाबलीपुरम की दूरी लगभग 58 किलोमीटर है।
strong>राज्यपाल और मुख्यमंत्री करेंगे चिनफिंग का स्वागतTamil Nadu: Members of Chinese community, school children and other people gather outside ITC Grand Chola Hotel, in Chennai, where Chinese President Xi Jinping will arrive later today. pic.twitter.com/qvxvSLcBc2
— ANI (@ANI) October 11, 2019
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के आगमन को देखते हुए चेन्नई और महाबलीपुरम की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। राज्य पुलिस ने हजारों सुरक्षा बलों को तैनात किया है और कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। यह पता चला है कि तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और अन्य लोग हवाई अड्डे पर चिनफिंग का स्वागत करेंगे। चिनफिंग के अभिवादन के लिए लोग अभी से ही झंडे लेकर पूरे शहर में एकत्रित हो गए हैं। उनके आगमन से पहले, सड़कों, फुटपाथों और दीवारों को अनोखे तरीके से पेंट किया गया है। चेन्नई हवाई अड्डे पर देवी मीनाक्षी की आठ फीट की एक मूर्ति अस्थायी रूप से स्थापित की गई है।
सड़क मार्ग से जाएंगे महाबलीपुरम
तमिलनाडु सरकार ने राज्य के विभिन्न पारंपरिक संस्कृतियों का प्रदर्शन करने के लिए विभिन्न हिस्सों से मंडलों का आयोजन किया है। मंडली पिछले दो दिनों से यहां कड़ी प्रैक्टिस कर रही है। चीनी राष्ट्रपति मोदी से मिलने के लिए अपनी होंगकी लक्जरी कार में सड़क मार्ग से महाबलीपुरम तक जाएंगे। मोदी-शी शिखर सम्मेलन फलदायी हो, इसके लिए तमिलनाडु सरकार ने विभिन्न प्रकार के फलों के साथ पांच रथों के पास एक वेलकम बोर्ड लगाया है। अधिकारियों के अनुसार वेलकम बोर्ड में लगभग 20 विभिन्न प्रकार के फलों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें से अधिकांश फल व्यवस्थित रूप से उगाए जाते हैं। स्मारकों को सजाने के लिए भी बड़ी मात्रा में फूलों का उपयोग किया गया है।
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