नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने खुलासा किया कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आयोजित 2015 विश्वकप फ्रैक्चर वाले घुटने के साथ खेला था। इसके बावजूद शमी के लिए ये वर्ल्डकप यादगार रहा था। शमी ने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और वह उमेश यादव के बाद भारत के लिए दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। शमी ने सात मैचों में, उन्होंने 4-35 के सर्वश्रेष्ठ आंकड़ों के साथ 17.29 की औसत से 17 विकेट चटकाए, जबकि उमेश यादव ने आठ मैचों में 18 विकेट हासिल किए।

पहले मैच में टूट गया था घुटना

शमी ने पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव चैट की। जहां दोनों ने कई विषयों पर चर्चा की। अपने विश्व कप के अनुभव के बारे में बात करते हुए, 29 वर्षीय स्पीडस्टर ने कहा कि वह मैचों के दौरान अपने घुटने के दर्द को कम करने के लिए तीन पेन किलर और इंजेक्शन लेते थे। शमी ने आगे कहा, 'कभी-कभी एक महत्वपूर्ण मैच होता है और आपको पता होता है कि आपको इसे खेलना है। 2015 के विश्व कप के दौरान मेरा घुटना चोटिल था। मैं चलने-फिरने में भी सक्षम नहीं था। मैं दर्द निवारक और इंजेक्शन लेता था। फिजियो नितिन पटेल ने मेरी मदद की। उन्होंने मुझे टूर्नामेंट पूरा करने का भरोसा दिया। मेरे घुटने में एक ऑपरेशन की जरूरत थी, उन्होंने मुझे बताया कि अगर मैं दर्द सह सकता हूं तो मैं विश्व कप खेल सकता हूं।'

इंजेक्शन लगवाकर खेलते थे मैच

तेज गेंदबाज शमी ने आगे कहा, 'टूर्नामेंट के पहले मैच में घुटने में फ्रैक्चर हो गया था। मेरी जांघें और घुटने एक ही आकार में आ गए थे। डॉक्टरों को हर दिन पैर से फ्लूड निकालना पड़ता था। मैं तीन पेन किलर दवाइयां लेता था।' हालांकि शमी ने बताया कि, पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने उन पर विश्वास बनाए रखा और अपने करियर के कठिन दौर में उन्हें प्रेरित किया है।

सेमीफाइनल में धोनी ने मैदान के बाहर नहीं जाने दिया

2015 विश्वकप में भारत को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 329 का पीछा करते हुए, भारत 223 पर सिमट गया था। इस मैच को याद करते हुए शमी ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले, मैंने टीम से कहा कि मैं और अधिक दर्द नहीं उठा सकता। माही भाई और प्रबंधन ने मुझ पर विश्वास दिखाया और उन्होंने वास्तव में मेरी क्षमताओं पर भरोसा रखा। मैंने मैच खेला और अपने पहले ओवर में सिर्फ 13 रन दिए। फिर मैं मैदान से बाहर चला गया और माही भाई से कहा कि मैं अब और गेंदबाजी नहीं कर सकता। लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि वह पार्ट टाइम गेंदबाजों के पास नहीं जा सकते हैं और मुझे 60 से अधिक रन नहीं देने के लिए कहा। मैं पहले कभी भी इस स्थिति में नहीं आया। उस वक्त कुछ लोगों का मानना था कि मेरा करियर खत्म हो गया लेकिन मैं अभी भी यहां हूं।'

Cricket News inextlive from Cricket News Desk