- ¨हदू जीवन दर्शन के प्रति विश्व में तेजी से बढ़ रही स्वीकार्यता

DEHRADUN: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक डॉ। मोहन भागवत ने कहा कि भारत-इंडिया-¨हदुस्तानएक ही है, लेकिन हमारी पहचान भारत से है। इंडिया हमारा दिया गया नाम नहीं। उन्होंने कहा कि ¨हदू जीवन दर्शन के प्रति विश्व में तेजी से स्वीकार्यता बढ़ रही है। उन्होंने यह भी साफ किया कि संघ में अन्य मतावलंबियों के आने पर प्रतिबंध नहीं है। वे आना चाहते हैं तो आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में इस्लाम मतावलंबी कव्वाली गाते हैं, यह इसलिए है क्योंकि पूर्व में उनके पूर्वज ¨हदू थे तथा ईश्वर की आराधना व भावों के कारण भजन तथा कीर्तन करते थे। यही माध्यम उन्होंने इस्लाम मत को स्वीकार करने पर अपनाया।

संघ प्रमुख ने किया संवाद
उत्तराखंड प्रवास पर आए संघ प्रमुख डॉ। मोहन भागवत ने गुरुवार को तिलक रोड स्थित संघ कार्यालय में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ संवाद किया। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि समाज प्रकृति एवं पर्यावरण में समन्वय रखते हुए ¨हदू समाज चलता है। यह ¨हदू विचार दर्शन का अंग है। यह विचार ¨हदू जीवन दर्शन का मूल तत्व है। ¨हदू एक जीवन दर्शन है, कुछ लोग यह समझते हैं लेकिन कुछ जानकर भी अनजान बनते हैं। विश्व भर में जिन देशों में अन्य मत मतावलंबी हो गए, वहां उन्हें दबाया गया तथा उनका उत्पीड़न हुआ। ¨हदू समाज ने उनके साथ समानता का तथा मातृभाव का व्यवहार किया। ¨हदू तथा ¨हदुत्व समस्त विश्व को एक परिवार मानता है। ¨हदू धर्म में अलग-अलग मतों को मानने वाले हैं परंतु जीवन दर्शन सभी का एक यही है।