आरजेडी और जेडीयू दोनों सरकारों में मिनिस्टर रह चुके हैं मोनाजिर

PATNA: जेडीयू में बागियों के तेवर नरम नहीं पड़ रहे। जेडीयू के एक्स एमपी मोनाजिर हसन ने भी जेडीयू का साथ छोड़ दिया। ये ऐसे समय में हुआ जब जेडीयू और आरजेडी नजदीक है। मोनाजिर हसन आरजेडी और जेडीयू दोनों सरकारों में मिनिस्टर रह चुके हैं। इस बार के पार्लियामेंट इलेक्शन में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था, जबकि वे बेगूसराय से सांसद थे। बेगूसराय लेफ्ट को दे दिया गया था और मुंगेर में ललन सिंह को दुहराया गया था, लेकिन इलेक्शन हारे कई नेताओं को मंत्री बनाया गया, पर मोनाजिर हसन को न तो राज्यसभा भेजा गया और न ही मिनिस्ट्री दी गई। गुलाम रसूल बलियावी राज्यसभा चले गए, कहकशां परवीन राज्यसभा चलीं गई पर मोनाजिर को पार्टी ने इस लायक नहीं समझा।

एमएलसी तक नहीं बनाया

परवीन अमानुल्लाह ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मिनिस्टर का पद छोड़ा था और आप के टिकट से इलेक्शन लड़ा। अब मोनाजिर हसन ने भी पार्टी छोड़ दी। गुलाम रसूल बलियावी और कहकशां परवीन राज्यसभा ही चले गए। अली अनवर भी राज्यसभा में ही हैं। ऐसे में राज्यस्तरीय राजनीति के लिए जेडीयू में नामी मुस्लिम नेता की कमी दिखने लगी है। जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मोहम्मद सलाम को पार्टी ने एमएलसी तक नहीं बनाया, इसलिए वे भी दुखी चल रहे हैं। लंबे समय तक नरेन्द्र मोदी का विरोध लगातार करते रहे मोनाजिर हसन, लेकिन अब उन्हीं की बड़ाई करते नहीं अघा रहे। पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी ही देश का विकास कर सकती है।