- 18 फरवरी से शुरू हो रहे हैं बोर्ड एग्जाम

- 30 कंप्यूटर कंट्रोल रूम में लगाए गए

- 112 सेंटर पर हो रहे हैं शहर में एग्जाम

- 3 कंप्यूटर से शहर के एग्जाम सेंटर की होगी निगरानी

- 3 घंटे का होगा एग्जाम

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- नकल रोकने के लिए हर जिले में बनना था कंट्रोल रूम

- शहर के कंट्रोल रूम को स्टेट कंट्रोल रूम से किया गया अटैच

- एक कंट्रोल रूम में लगने थे 15 से 20 कंप्यूटर

LUCKNOW: यूपी बोर्ड परीक्षा के शुरू होने में चार दिन बचे हैं। बोर्ड परीक्षा में सामूहिक नकल रोकने के लिए हर जिले में हाईटेक कंट्रोल रूम तैयार किया जाना था, लेकिन राजधानी में कंट्रोल रूम अलग से न बनाकर राज्य स्तर पर बनाए कंट्रोल रूम में ही इसे शामिल किया गया है। कंट्रोल रूम में करीब 30 कम्प्यूटर लगाए गए हैं। इन्हीं में से तीन कम्प्यूटर से राजधानी के परीक्षा केंद्रों की निगरानी की जाएगी। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है कि एक ही समय में विभाग राजधानी के सभी केंद्रों पर कैसे नजर रखेगा।

तीन कम्प्यूटर के भरोसे तीन हजार कमरे

यूपी बोर्ड ने डीआईओएस को आदेश जारी किया था कि हर जिले में एक मॉडर्न कंट्रोल रूम की स्थापना किया जाए। हर एक कंट्रोल रूम में कम से कम 15 से 20 कम्प्यूटर लगे हों। हर एक कम्प्यूटर से कम से कम 10 से 15 केंद्रों की निगरानी की जाए, लेकिन राजधानी में राज्य स्तरीय लेवल पर बने कंट्रोल रूम में तीन कम्प्यूटर से ही केंद्रों पर नजर रखी जाएगी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि राजधानी में बोर्ड परीक्षा के लिए बने 112 केंद्रों के करीब तीन हजार कमरों पर एक ही दिन में कैसे नजर रखी जा सकती है जबकि सभी केंद्रों पर नजर रखने के लिए हर केंद्र का आईपी एड्रेस बार-बार लॉगिंन करना होगा। सूत्रों का कहना है कि जिस दिन सभी केंद्रों पर एक साथ सभी कमरों में परीक्षा होगी तो उस दौरान तीन घंटों में सभी केंद्रों को बदल बदल कर देख पाना मुश्किल है। तीन घंटों में तो केवल दो दर्जन या उससे थोड़े अधिक केंद्र ही देखे जा सकते हैं।

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ट्विटर अकाउंट की शुरुआत

डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने गुरुवार को अपने ऑफिस में बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन, पारदर्शी एवं सुचितापूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए एक और कदम उठाते हुए ट्विटर सेवा का शुभारंभ किया है, जिसका ट्विटर अकाउंट #upboardexam2020 है। डिप्टी सीएम ने बताया कि बोर्ड परीक्षा को पारदर्शी व्यवस्था से कराया जाएगा। इस वर्ष बोर्ड परीक्षा की सभी तैयारियों को आधुनिक रूप से विकसित किया गया है। ट्विटर अकाउंट के जरिये माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों, टीचर, बोर्ड परीक्षार्थियों एवं पैरेंट्स को एक मंच पर लाया जाएगा। ट्विटर से रियल टाइम मॉनीटरिंग द्वारा जानकारियों का तुरंत आदान प्रदान किया जा सकेगा। ट्विटर अकाउंट पर बोर्ड परीक्षार्थियों एवं पैरेंट्स की प्राप्त समस्याओं एवं शिकायतों का बोर्ड एवं निदेशालय के अधिकारियों द्वारा संज्ञान लेते हुए उनको सॉल्व कराया जाएगा।