- पानी-पानी हुआ शहर, जलभराव ने निकाला लोगों का दम

-मुस्कुराहट के साथ मुश्किलें भी लाया मानसून

- बिजली कटौती से राहत, लेकिन बढ़ गए फॉल्ट

- खाने-पीने की दुकानों में बढ़ जाती है भीड़

Meerut : छईछपाछईछपाकछई। लंबे इंतजार के बात मानसून आ गया। मेरठ में बुधवार रात्रि से शुरू हुई बरसात ने लोगों की दिनचर्या बदल दी। बरसात जहां एक ओर लोगों के लिए राहत लेकर आई तो साथ में मुसीबतों की बारिश भी हुई। आई नेक्स्ट ने गुरुवार को शहरभर में भ्रमण कर बरसात के बाद की स्थिति को जानने की कोशिश की। बदली स्थितियों पर यहां पेश है एक रिपोर्ट

यहां रहा बुरा हाल

जली कोठी: जलभराव की बात करें तो जली कोठी का सबसे बुरा हाल दिखा। यहां पर जली कोठी से लेकर फिल्मिस्तान मोड़ तक घुटनों तक पानी आ गया। यहां से गुजरने वाली कई कार और बाइक बंद हो गई, तो दुकानों में भी पानी घुस गया।

फिल्मिस्तान: यहां पर दुकानों के बाहर हुए अतिक्रमण से जाम की स्थिति बन गई। सड़कों पर पानी था, तो वाहन रेंगते हुए नजर आए, वहीं सड़कों पर हुए अतिक्रमण का भी भारी असर देखने को मिला।

सीएबी इंटर कॉलेज: सीएबी इंटर कॉलेज पर भी घुटनों तक पानी भर गया। दिल्ली रोड से सदर आने वाले वाहनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सदर बाजार: सदर में दुकानदारों द्वारा डाली गई गंदगी जलभराव होने से सड़कों पर आ गई। लोगों को बड़ी मुश्किलों से रास्ते से गुजरना पड़ा। गंदी नालियों का पानी सड़कों पर आने से हालात और भी गंभीर होते नजर आए।

बुढ़ाना गेट: जलभराव से बुढ़ाना गेट मार्केट भी अछूता नहीं रहा। यहां पर दुकानों के बाहर नालियों का गंदा पानी सड़कों पर आ गया। लोगों को यहां पर शॉपिंग करने में काफी परेशानी आई।

नगर निगम रोड: शहर में अगर कहीं बारिश होने से जलभराव की सबसे बड़ी समस्या है। तो वो नगर निगम रोड ही है। भले ही यहां पर सड़क बन गई हो, लेकिन दोनों साइडों में हालात अब भी बुरे हैं।

बाजारों की रौनक खत्म

नगर निगम रोड बाजार, बुढ़ाना गेट, घंटाघर, सदर जैसे मार्केट में जलभराव होने से यहां का मार्केट पूरी तरह से ठप हो गया। सबसे ज्यादा असर नगर निगम रोड बाजार पर पड़ता दिखा। जहां नाले का गंदा पानी दुकानों में भर गया। इससे कई दुकानदारों ने तो दुकान बंद रखने में ही फायदा सोचा। वहीं घंटाघर, बुढ़ाना गेट, सदर, गोलाकुआं मार्केट पर भी जलभराव का खासा असर देखने को मिला।

बंद हुए वाहन, छूटे पसीने

बारिश के जलमग्न सड़कों पर अनेक स्थानों पर वाहन चालकों के वाहन बंद हो गए। गंदे पानी में उतरकर उन्हें वाहनों को धक्का लगाना पड़ा। दूसरी ओर, पानी में सड़क व गड्ढे न दिख पाने पर कई दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हुए।

यहां हुई दिक्कत

श्याम नगर, पिलोखड़ी, लिसाड़ी गेट, शास्त्रीनगर, रोहटा रोड इलाकों में ट्रांसफॉर्मर फूंकने की समस्या हुई, जिससे इन इलाकों में काफी देर तक बिजली गायब रही।

फॉल्ट ने भी रुलाया

वहीं कई जगह पर तार टूटने और फाल्ट होने की भी समस्या से बिजली कटौती हुई, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। तार बेगमपुल, मोदीपुरम, मलियाना जैसी जगहों पर टूटे।

वॉटर सप्लाई में दिक्कत

शहर के कई हिस्सों में गुरुवार को पेयजल सप्लाई बाधित रही। शहर के व्यस्त क्षेत्रों में लोग पानी के लिए भटकते रहे।

बीमारियों का बढ़ा खतरा

पहली बारिश के बाद खासकर बच्चों में डीहाईड्रेशन, स्किन, वायरल, कंजेक्टीवाइटस, फ्लू, डेंगू आदि बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। डॉ। तुंगवीर आर्य की मानें तो इस मौसम में सभी फ्लू से बचना काफी जरूरी है। वहीं पेट से जुड़ी बीमारियां भी इसी मौसम में सबसे ज्यादा होती हैं।

जर्जर मकान बने मुसीबत

शहर के पुराने रिहायशी इलाकों के जर्जर मकान मुसीबत का सबब बने हुए हैं। बुधवार रात्रि लालकुर्ती, बुढ़ाना गेट आदि जगहों पर लोगों ने रात्रि जागकर गुजारी।

कारोबार गिरा

व्यापारियों के लिए भी ये मौसम आफत वाला ही रहता है। सदर व्यापार संघ के अध्यक्ष सुनील दुआ की मानें तो मानसून में 50 फीसदी के व्यापार में गिरावट आ जाती है। पूरे दिन में बारिश होने की वजह से कभी एक भी ग्राहक नहीं आता है।

ये वीवीआईपी हैं भाई

सिटी में जलभराव वाले इलाकों से गुजरे आम आदमी ने नगर निगम को जरूर कोसा होगा, लेकिन क्या आपको पता है आप परेशानियों से जरूर जूझ रहे हैं, अधिकारियों को जलभराव जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।

नगर आयुक्त आवास : नगर आयुक्त कार्यालय में जरूर पानी भरा मिला, लेकिन सिटी के पॉश इलाके में मौजूद नगर आयुक्त के आवास पर जलभराव दिखा ही नहीं।

एसएसपी आवास : मेरठ कॉलेज के सामने एसएसपी के आवास के बाहर पूरी तरह से सफाई दिखी, यहां पर पानी की कोई भी समस्या सामने दिखाई नहीं पड़ी।

कमिश्नर आवास : यहां भी पूरी तरह से हरा भरा नजर आया। यहां पर बिल्कुल भी जलभराव देखने को नहीं मिला। यहां से गुजरते वाहनों को भी निकलने में कोई परेशानी होती नहीं दिखी।

माल रोड : माल रोड पर कैंट बोर्ड सीईओ समेत कई बड़े अधिकारियों के आवास हैं, लेकिन सिटी की सबसे खूबसूरत ये रोड बारिश में और भी खूबसूरत हो गई। यहां पर जलभराव की समस्या देखने को ही नहीं मिली।

जिम्मेदार कौन?

नगर निगम: नगर निगम सिटी के ऐसे हालातों का सबसे बड़ा कारण है। बारिश से पहले तमाम सावधानियां नगर निगम को बरतनी चाहिए, लेकिन बावजूद इसके मानसून के लिए कोई तैयारियां नहीं की गई।

दुकानदार: दुकानदार भी अपनी दुकानों के आगे अतिक्रमण कर लेते हैं। दुकानों के बाहर कूड़े का ढेर लग जाता है। जो बाद में जलभराव होने पर गंदगी फैला देता है।

शहरवासी: घरों के बाहर बने रैंप नाली के बहाव को रोक रहे हैं, जिससे बरसात का पानी सड़कों पर भर रहा है। जलभराव के बड़े जिम्मेदार हम और आप भी है।

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घटा शहर का लोड

बुधवार रात्रि की तेज बारिश और गुरुवार बूंदाबांदी ने गर्मी की मार झेल रहे शहरवासियों को राहत दी है। एसी और पंखे का लोड कम हुआ है। यूं कहे की शहर की 10 मिलियन यूनिट पर ऑवर की मांग में दस फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि एग्रीकल्चर लोड बरकरार रहने से अभी इस फौरी राहत ही मानेंगे। कटौती में भी कमी आई है।

खुली-खुली दिखी सड़कें

गुरुवार सुबह हल्की बूंदाबांदी के बीच शहर की सड़कों पर टै्रफिक का दबाव आम दिनों की अपेक्षा कम दिखा। व्यस्ततम बेगमपुर क्षेत्र में भी आम दिनों की अपेक्षा वाहन कम थे। लोगों को जाम से भी फौरी राहत मिली। हालांकि दोपहर बाद मौसम साफ होने के बाद लोगों ने जरूरी कामों के लिए घर से बाहर का रुख किया। जलभराव वाले स्थानों पर जाम की स्थित जस की तस थी।

तरोताजा हवा मिली भाई

मानसून की पहली बारिश से पॉल्यूशन में कमी आई है। गुरुवार को सड़कों से धूल नहीं उठ रही थी तो वहीं हवा भी आम दिनों के अपेक्षा तरोताजा थी। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिजनल ऑफिसर बीबी अवस्थी की मानें तो बारिश से हवा में फैले सभी खतरनाक नीचे बैठ जाते हैं।

किसानों को फौरी राहत

मेरठ में मानसून की दस्तक से किसानों के चेहरे खिले-खिले हैं। हालांकि यह फौरी राहत है। धान और गन्ने की फसल के लिए यह बारिश पर्याप्त नहीं है। आने-वाले दिनों में यदि सिलसिला बरकरार रहा तो किसानों के लिए बारिश सौगात लेकर आएगी।

परिवार के साथ मस्ती भी

आबूलेन का न्यू दिल्ली छोलू-भटूरे वाला हो या रलबन चौराहे के पकौडे की दुकान हो। गुरुवार को मौसम के मिजाज के साथ लोग मस्ती के मूड में नजर आए। खानपान की दुकानों पर भीड़ लगी रही तो वहीं कामकाजी लोगों ने भी पहली बारिश का लुत्फ घर पर परिवार के साथ उठाया।

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मानसून को लेकर सभी को हिदायत दे दी गई है। आपात स्थिति से निपटने के लिए बोल दिया गया है। आम पब्लिक को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

- पंकज यादव, डीएम

नालों की सफाई की जा चुकी है। बात रही वॉटर लॉगिंग की तो उससे निपटने के लिए पूरे इंतजाम किए जा चुके हैं। आम पब्लिक को इससे कोई परेशानी नहीं होने वाली है।

- एसके दुबे, नगरायुक्त

मानसून में फॉल्ट से निपटने के लिए जोन के अधिकारियों को बोल दिया है। खुली तारों को कवर करने और ट्रांसफॉर्मर में पानी न जाए इसके इंतजाम समय पर दिए जाएंगे।

- विजय विश्वास पंत, एमडी, पीवीवीएनएल

बारिश के मौसम में पॉल्यूशन लेवल में काफी कमी आती है। खतरनाक तत्व बारिश के साथ जमीन पर आ जाते हैं। ऐसे में लोगों को काफी राहत मिलती है।

- बीबी अवस्थी, रीजनल ऑफिसर, यूपीपीसीबी

मानसून का असर कारोबार में काफी देखने को मिलता है। कभी पूरा दिन बारिश होने से कस्टमर बाहर ही नहीं निकलता। ऐसे में 50 फीसदी की गिरावट देखने को मिलती है।

- सुनील दुआ, अध्यक्ष, सदर व्यापार मंडल