बेंगलुरु (आईएएनएस)। मानसून का इंतजार अब खत्म हो गया है। दक्षिण पश्चिम मानसून ने कर्नाटक में दक्षिणी राज्य के तटीय और मध्य क्षेत्रों में भारी बारिश के साथ प्रवेश किया। तटीय इलाकों में अधिकांश स्थान बारिश से सराबोर रहेंगे। भारतीय माैसम विभाग के मुताबिक अगले 24-48 घंटों में आंतरिक भागों में कुछ स्थानों पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के निदेशक श्रीनिवास रेड्डी ने यहां आईएएनएस को बताया दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गुरुवार को केरल और अरब सागर के तटीय जिलों भारी बारिश हुई।

गुरुवार को बारिश से भीगे ये इलाके

माैसम वैज्ञानिक श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि अगले तीन दिनों में इसकी गति धीमी होने की संभावना है, क्योंकि चक्रवात निसर्ग ने उच्च गति वाली हवाओं को प्रेरित किया और दक्षिणी प्रायद्वीप से बारिश वाले बादलों को कमजोर कर दिया। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान कार्यालय के अनुसार उत्तर कन्नड़ जिले के करवार में गुरुवार को 15 सेमी बारिश हुई, इसके बाद उडुपी जिले के कुंडापुर में 11 सेमी और मलनाड क्षेत्र में शिवमोग्गा में एक-एक सेमी बारिश हुई। उत्तर कन्नड़ में कदरा और गेरसोप्पा और चिक्कमगलुरु जिले मेें, कोट्टिघारा में 10 सेमी वर्षा हुई।

8 जून को इन इलाकों की ओर बढ़ेगा मानसून

इसके बाद कोडगु जिले में विराजपेट में 8 सेमी और उत्तर कंदरा में शिराली और गोकर्ण में 7 सेमी बारिश हुई। राज्य के उत्तर और दक्षिण आंतरिक क्षेत्रों में कई स्थानों पर छिटपुट वर्षा हुई। रेड्डी ने कहा कि मानसून 8 जून के बाद राज्य में दक्षिण और उत्तर के आंतरिक क्षेत्रों में आगे बढ़ेगा, क्योंकि बारिश के बादलों और हवाओं की कमी के कारण इसके मूवमेंट में कमी है। यह कहते हुए कि जून से सितंबर तक चार महीने का मानसून, बारिश पर निर्भर राज्य के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस साल रेड्डी ने कहा कि इसकी प्रगति और प्रसार है। अगले 2-3 दिनों में राज्य में मानसून की उन्नति के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।

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