देर शाम को आसमान से गिरीं राहत की बूंदें

दिन भर चलती रही बादलों की लुका-छिपी

प्री मानसून की फुहारों ने दिया अच्छा संकेत

VARANASI:

दो-तीन दिनों से ललचा रहे बादलों का दिल आखिरकार पसीज गया। बुधवार की शाम जमकर बरसे। तप रही धरती को राहत की बूंदें नसीब हुई। आसमानी बूंदों को ठंडी हवा का साथ मिला तो इनकी मिलीजुली तासीर धरती वालें को सुकून का एहसास करा गयी। हर किसी को इनका बेसब्री से इंतजार था। मौसम विज्ञानी इसे प्री मानसून की बारिश बता रहे हैं।

सुबह से बनाया माहौल

बारिश का माहौल तो सुबह से ही बना रहा था। पूरे दिन कई बार आसमान में बादलों की आवाजाही होती रही। कई बार ऐसा लगा कि बादल अब बरस पड़ेंगे पर इंतजार लम्बा होता गया। बादल मजबूत होते तो थोड़ी देर बाद ही सूरज के कड़े तेवर उन्हें तितर-बितर होने पर मजबूर कर देते। दोपहर तक यही सिलसिला जारी रहा रहा। देर शाम अचानक ही आसमान पर घने बादलों का डेरा होने लगा। तेज हवा ने बादलों के बरसने की उम्मीदों को एक बार फिर से हवा किया। लेकिन बादलों तो कुछ और ही ठानकर आए थे। उन्होंने हर आंशका को दरकिनार किया और बरस पड़े। बादलों के बरसते ही मौसम सुहानाो गया।

अच्छे मानसून ी आहट

बारिश ने मानसून के आने की आहट दे दी है। मौसम विज्ञानियों ने इस बारिश को प्री मानसून करार दिया है। मौसम विज्ञानी प्रो। एसएन पांडेय के मुताबिक प्री मानसून के बादल बरसे हैं। उन्होंने यह संकेत भी दिया है कि मानसूनी बादल भी आने वाले हैं। मानसून अपनी गति से आगे बढ़ रहा है। एक-दो दिनों में यूपी में पुरवा का आना हो जाएगा। फिलहाल जो बारिश हुई है उसका कारण हवा का रुख दक्षिणी-पश्चिमी होना है। इनके चलते अरब सागर से नमी यहां तक पहुंची और बादल बरसे हैं।

एक नजर टेंप्रेचर पर

ख्ब् घंटे में मैक्सिमम टेंप्रेचर ख्.ख् डिग्री बढ़कर फ्8 से ब्0.ख् तथा मिनिमम टेंप्रेचर क्.ख् डिग्री बढ़कर ख्8.ख् से ख्9.ब् डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मैक्सिमम ह्यृमिडिटी लेवल भी 7ब् से म्7 व न्यूनतम स्तर ब्ख् से ब्फ् फीसद हो गया।