स्काईमेंट का कहना है कि हालाकि अब तक हुई वर्षा सामान्य से कुछ कम रही है पर ये मौसम विभाग के दावे के अनुसार 33 परसेंट तक कम नहीं हुई है। ये भी सच है कि अल नीनो का असर मानसून पर पड़ा है पर इससे बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसे बहुत सारे दूसरे कारक भी हैं जिनसे अलनीनो का असर नियंत्रण में रखा जा सकता है। स्काईमेंट का दावा है कि 21 जुलाई के आसपास महाराष्ट्र और गुजरात में अच्छी बारिश शुरू हो जाएगी जबकि मौसम विभाग ने कहा था कि इस क्षेत्र में वर्षा 23 जुलाई के बाद होने की संभवना है।

 

इस बीच बदरा फिर उत्तर भारत का रुख कर रहे हैं। अगले 24 घंटों में देश के उत्तरी हिस्सों में कई स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं कुछ स्थानों पर छिटपुट बारिश भी हो सकती है। वैसे इसके आसार गुरुवार को ही दिखने लगे जब दिल्ली और आसपास के इलाकों में छिटपुट बारिश रिकॉर्ड की गई। ये बारिश 21 तक जारी रह सकती है।

दक्षिण भारत में भी लगेगी झड़ी

वहीं दक्षिण भारत में भी ज्यादातर जगहों पर बारिश जारी है। केरल, कर्नाटक और आंध्र के समुद्र तटीय इलाकों में कई स्थानों पर बारिश हो रही है। तमिलनाडु में भी बारिश की झड़ी लगी हुुई है। दक्षिण भारत में अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रहने की उम्मीद है। बेशक दक्षिण पश्चिमी मानसून जून में पश्चिम बंगाल में देर से पहुंचा। लेकिन फिर वहां अच्छी बारिश हुई। जुलाई में यहां औसत 400 मिलीमीटर के मुुकाबले 589 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।

मुंबई में जरूर जुलाई में अभी अच्छी बारिश का इंतजार है। पश्चिमी खाड़ी में मानसून सक्रिय होने की खबर है। उम्मीद इससे वहां बढिया बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार देश के अधिकांश हिस्सों में 1 जून से 15 जुलाई तक सामान्य व अधिक बारिश दर्ज की गई। इस अरसे में देश में 280 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से को छोड़ कर शेष स्थानों में कम बारिश हुई है। उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज की गई है।

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