ऐसा कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
US नेवी के मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि इस बात की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं कि अरब सागर के ऊपर उठने वाले बादलों का झुंड साइक्लोन में बदल जाए। हालांकि भारतीय मौसम विभाग के चक्रवात चेतावनी डिवीजन के प्रमुख मृत्युंजय मोहापत्रा कहते हैं कि ये और भारी हो सकता है, लेकिन साइक्लोन नहीं हो सकता। वह कहते हैं कि वह इस बात की आशा करते हैं कि ये दबाव उत्तर पश्चिम महाराष्ट्र, गुजरात के तट और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश लेकर आएगा।   

मछुआरों को दी गई चेतावनी
सोमवार को ये दबाव पोरबंदर के दक्षिण पश्चिम से 320 किलोमीटर पर मध्य में था। 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ एक झोंके के रूप में हवा के साथ और पश्चिमी तट से दूर 65 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार तक पहुंचने की आशंका थी। ऐसे में समुद्र के किनारे मछुआरों को अलगे 24 घंटों के लिए समुद्र तटों से दूर होने की चेतावनी दे दी गई। मोहापत्रा कहते हैं कि 25 जून से इस प्रणाली के प्रभाव के तहत सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की अपेक्षा की जा रही थी। इसके आगे 27-29 जून को पश्चिमी तट और दक्षिण गुजरात के कई जगहों पर भारी बारिश के जारी रहने की संभावना है।  

शुरुआत रही काफी अच्छी
मौसम के शुरुआत में ही मानसून ने 21 प्रतिशत ज्यादा बारिश कर दी है। देश के आधे से ज्यादा हिस्स्ो में ठीक-ठाक बारिश हो चुकी है। वहीं उत्तर पश्चिम क्षेत्र में 7 प्रतिशत कम बारिश है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौसमी घाटा 53 प्रतिशत को देखते हुए अधिकतम 74 प्रतिशत से कम रहा।यही उत्तराखंड में 49 प्रतिशत रहा और पंजाब में 20 प्रतिशत रहा।     

यहां पहुंचेगा मानसून
दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति अभी भी जारी है। दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे अब और अच्छी संभावनाएं हैं। दक्षिण पश्चिम क्षेत्र के साथ अगले तीन दिन में मानसून जम्मू और कश्मीर तक भी पहुंच जाएगा। अगले 24 घंटे को लेकर मौसम विभाग ने ऐसी भविष्यवाणी की है कि छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तराखंड में भारी बारिश होगी। इसी के साथ हिमांचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गोवा, केरल और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में भी भारी बारिश होनी है।

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