- कचहरी के पास 30 नवंबर 2011 को हुए शानू ओलंगा के कत्ल से हिल गया था शहर का अंडरव‌र्ल्ड

- संदेह का फायदा देते हुए कोर्ट ने पहाड़ी को बरी किया, दूसरे मामलों कई मामलों की वजह से अभी भी जेल में ही रहेगा

- फरार रईस बनारसी और शफीक ढपाली के खिलाफ चलता रहेगा मामला

KANPUR:

शहर के अंडरव‌र्ल्ड को हिला कर रख देने वाले शानू ओलंगा हत्याकांड में मुख्य आरोपी रहे शातिर अपराधी मोनू पहाड़ी को सैटरडे को कोर्ट ने बरी कर दिया। इस हत्याकांड में पहाड़ी के अलावा फरार चल रहे रईस बनारसी व शरीफ ढपाली पर कत्ल का मामला पहले की तरह ही चलता रहेगा। मामले की सुनवाई कर रही एडीजे-5 की कोर्ट ने मोनू पहाड़ी संदेह के आधार पर बरी किया है। हालाकि हिस्ट्रीशीटर पहाड़ी पर कई मामले संगीन मामलों में अभी भी सुनवाई चल रही है इस वजह से वह अभी भी जेल में ही रहेगा। लेकिन चुनावों से ठीक पहले इस फैसले ने शहर के अंडरव‌र्ल्ड में सरगर्मी बढ़ा दी है।

चश्मदीद ने नहीं पहचाना

शानू ओलंगा मर्डर केस में उसके पिता की तहरीर पर पुलिस ने मोनू पहाड़ी, रईस बनारसी और शरीफ ढपाली के खिलाफ कत्ल का मुकदमा कायम किया था। इस मामले में आई नेक्स्ट ने मौके पर रईस बनारसी व हेलमेट पहने शख्स की ओलंगा की बॉडी के पास खड़े होने की फोटो भी प्रमुखता से छापी थी जिससे पुलिस महकमे में भी खलबली मच गई थी। वहीं इसके ट्रायल के दौरान वारदात के चश्मदीद ने मोनू पहाड़ी की वहां मौजूदगी होने से इंकार कर दिया। इसके बाद पहाड़ी के लिए बचने का रास्ता आसान हो चला। और शनिवार को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए मोनू पहाड़ी को शानू ओलंगा के कत्ल से बरी कर दिया।

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नाम- मोनू पहाड़ी उर्फ राशिद

उम्र- 34 साल

घर का पता - दलेलपुरवा, अनवरगंज

हाल पता- कानपुर जिला कारागार

पेशा- भाड़े पर कत्ल, अपहरण कर फिरौती, असलहों की सप्लाई, रंगदारी

-13 साल की उम्र में पहला गुनाह किया

- दिनदहाड़े कत्ल करने का शौक, इसी का अंडरव‌र्ल्ड में था खौफ

- 21 अगस्त 2014 को जब एसटीएफ ने गिरफ्तार किया तब उस पर 50 हजार का ईनाम था

कुल केस- 17

कत्ल- 5

लूट-3

किडनैपिंग- 2

जानलेवा हमला- 4

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पहाड़ी का गैंग -

- रईस बनारसी, शरीफ ढपाली, पप्पू खटिक उर्फ संजय सोनकर, शानू चिकना उर्फ शानू बाइकर,मियां मुनक्कू, रेहान उर्फ गुड्डू , आफाक सुनहरा, अखलाक, सुनहरा, कालू उर्फ कार्लोस, नौशाद, शेरू, शानू मोटा, बऊआ झाड़ूवाला, शाह आलम

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सिस्टम के जरिए मिटा रहा गुनाह

मोनू पहाड़ी पर अपनी प्रेमिका नेहा समेत कत्ल के 5 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा लूट, जानलेवा हमले, रंगदारी जैसे भी कई मामले उस पर कोर्ट में विचाराधीन हैं। अगस्त 2014 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से उसके खिलाफ चल रहे कई मामलों में या तो उसे बेल मिल चुकी है या फिर वह अंतिम दौर में हैं। सियासत में उतरने की अपनी मंशा को वह पहले ही जता चुका है। एक सत्ता के नजदीकी शख्स की मदद से वह खुद को बचाने के लिए ही पूरे सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है और उसमें अब काफी हद तक कामयाब भी होता दिख रहा है।

चुनाव बाद निकलेगा बाहर

शानू ओलंगा मर्डर केस में बेल मिलने के बाद भी पहाड़ी अभी जेल में ही रहेगा। क्योंकि विधानसभा चुनावों की वजह से बाहर आने से दोबारा जेल भेजे जाने की आशंका रहेगी। चुनाव बाद अगर वह जेल से बाहर आता है तो पार्षदी के चुनावों में अपने हाथ आजमा सकता है और सफेदपोश बन अपना काम चला सकता है।

शहर के अमन चैन को खतरा

मोनू पहाड़ी के ओलंगा के कत्ल में बरी होने के बाद हालात खरब होंगे.दिन दहाड़े शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस में वीआईपी रोड पर हुए कत्ल से बरी हो जाने का संदेश खतरनाक जा सकता है.बचे खुचे केसों में जमानत कराकर मोनू के बाहर आने की संभावना ही सनसनी फैलाने और उसकी दहशत फिर से कायम करने के लिए काफी है.बाहुबली अतीक अहमद के शहर में प्रत्याशी बनने की वजह से पहले ही शहर में खलबली है।

पहाड़ी का साथी रईस बनारसी पहले ही फरार चल रहा है और लगातार उसके शहर में पनाह लिए होने की सूचनाएं भी पुलिस को मिलती रहती है। ऐसे में पहाड़ी का गैंग शहर में और मजबूत होगा। जेल जाने से पहले ही पहाड़ी टायसन से दुश्मनी निभाने की बात कह चुका है ऐसे में शहर के अंडरव‌र्ल्ड में उठापटक भी तय है.इस सबके बीच आम आदमी सहमा हुआ है।