-डॉक्टरों ने कहा, गीला कपड़ा बिल्कुल न पहनें, इनफेक्शन से बचे

PATNA: अब बारिश नहीं हो रही है, लेकिन बारिश के पानी के तीन-चार दिनों से जमे रहने के कारण कई इलाकों में पानी सड़ गया है और इसके कारण बीमारियों खास तौर पर स्किन की बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ गया है। पानी का स्तर अभी भी कई इलाकों में घट नहीं रहा है और लोग बाहर निकलने के लिए मजबूर हैं। इसे लेकर पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स सहित शहर के विभिन्न इलाकों के हॉस्पिटलों में स्किन इनफेक्शन के पेशेंट की भरमार है। खास तौर पर राजेंद्र नगर, कंकडबाग, न्यू बाईपास की कॉलोनियों और शहर के निचले इलाकों में इससे लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हैं। लाल दाने, खुजली, फंगल इनफेक्शन, एलर्जी, पुराने घाव में इनफेक्शन, स्किन की पपड़ी बनना, स्किन के निचले सतह से लिक्विड आना सहित तमाम प्रकार की समस्याएं हॉस्पिटलों के स्किन डिपार्टमेंट में देखने को मिल रहा है। खास तौर पर सडे़ पानी के संपर्क में आकर इंफेक्शन के मामले सर्वाधिक हैं।

टेम्प्रेचर कंट्रोल करता है स्किन

एनएमसीएच के स्किन डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विकास शंकर ने बताया कि स्किन बॉडी का सबसे बड़ा आर्गन है। यह बॉडी का टेम्प्रेचर को मेनटेन रखता है। जब हमें ठंड महसूस होती है तो बॉडी अपना टेम्प्रेचर खुद ही बढ़ा लेता है। इस दौरान गीले कपडे़ में ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है जिसमें फंगस डेवलप हो जाता है। इससे बचाव करना चाहिए। यदि आप जलजमाव वाले इलाके से होकर आते हैं तो तुरंत गीला कपड़ा उतार दें। शरीर को सामान्य पानी से धो ले। फंगस होने से खुजली का अनुभव होता है। बार-बार खुजाना नहीं चाहिए, डॉक्टर से सलाह लें।

ओवर द काउंट ड्रग को 'ना'

स्कीन शहर का बहुत संवेदनशील हिस्सा होता है। इसके बावजूद प्राय: यह देखा गया है कि लोग खुजली या अन्य स्किन की बीमारी होने पर दवा दुकानदार से ही दवा ले लेते हैं। इस बारे में डॉ विकास शंकर ने बताया कि यह बहुत नुकसानदेह हो सकता है। कोई भी जेल, ओएनमेंट, लोशन, क्रीम या तेल नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि बिना डॉक्टर के परामर्श के ये सभी चीजें आपके बॉडी को नुकसान कर सकता है।

ये हैं तीन बडे़ खतरे

इस बारे में एम्स पटना के सीनियर रेजिडेंट डॉ अमित कुमार ने बताया कि जलजमाव के दौरान तीन बडे़ खतरों से बचकर रहना चाहिए। इसमें इनफेक्शन, खुजली और एलर्जी तीन बडे़ खतरे हैं। इसलिए शरीर को सूखा रखना होगा। भींगे कपडे़ से फंगल लग जाता है और खुजली शुरु हो जाता है। इन दिनों ऐसे पेशेंट अधिक आ रहे हैं। डॉक्टर से समय रहते परामर्श ले। क्योंकि इनफेक्शन तेजी से फैलता है।

दस में छह केस

बारिश के सीजन में टीनिया, कुरिस, कारपोरिस सहित अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। डॉ अमित कुमार ने बताया कि इसके अलावा इनसेक्ट बाइट यानि पानी में रहने वाले कीड़ों के काटने से भी स्किन की बीमारी हो सकती है। एम्स पटना में स्किन ओपीडी में सोमवार से शनिवार तक केसेज देखे जाते हैं। उन्होंने बताया कि दस में से छह केसेज फंगल इनफेक्शन के मिल रहे हैं।

बारिश के मौसम में फंगस आसानी से पनपता है। यदि लाल धब्बे आ गए, खुजली हो रही हो तो, खुद दवा न लें। केवल डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें।

-डॉ विकास शंकर, एसोसिएट प्रोफेसर, एनएमसीएच

इन दिनों स्किन प्रॉब्लम लेकर लोग आ रहे हैं। इसमें सबसे अधिक मामले फंगल इनफेक्शन के हैं। गीला कपड़ा पहने रहने से यह बढ़ता है।

-अमित कुमार, सीनियर रेजिडेंट एम्स पटना