- 1500 से फूड व्यापारियों के पास न तो लाइसेंस और न ही रजिस्ट्रेशन
- 15 दिन का समय दिया गया है अपंजीकृत व्यापारियों को
- 12 लाख रुपये से अधिक टर्नओवर वालों के लिए खाद्य लाइसेंस लेना जरूरी
- 12 लाख रुपये से कम टर्नओवर वालों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी
- 2000 वेंडर्स का भी डाटा तैयार किया है सर्वे में
- 5 अगस्त 2011 को नया खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम लागू किया गया था।
- 2 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान बिना रजिस्ट्रेशन पर
- 5 लाख रुपये तक का जुर्माना है बिना लाइसेंस पाए जाने पर
- 6 माह तक की सजा का प्रावधान भी है अधिनियम में
आई एक्सक्लूसिव
मेरठ। शहर में 1500 से अधिक फूड व्यापारी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2011 का उल्लंघन करते पाए गए हैं। इनके पास व्यापार करने का न तो लाइसेंस है और न ही यह रजिस्टर्ड हैं। ऐसे व्यापारियों को विभाग ने नोटिस जारी किया है।
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-15 दिन में कराएं रजिस्ट्रेशन
शासन के निर्देश पर पहली बार करवाए गए इस सर्वे में अपंजीकृत व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इसमें 12 लाख रुपये से अधिक टर्नओवर वालों के लिए खाद्य लाइसेंस लेना जरूरी है। जबकि 12 लाख रुपये से कम टर्नओवर वालों के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
करना पड़ेगा रजिस्ट्रेशन
फूड विभाग में अब वेंडर्स का भी रजिस्ट्रेशन होगा। इसके लिए भी विभाग ने सर्वे कर करीब 2000 वेंडर्स का भी डाटा तैयार किया है। इसमें सभी फेरी वाले, स्ट्रीट फूड वेंडर्स शामिल हैं।
यह है नियम
देश में मिलावटी और दूषित खाद्य सामग्री पर रोक लगाने के लिए 5 अगस्त 2011 को नया खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम लागू किया गया था। बिना रजिस्ट्रेशन पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है। जबकि बिना लाइसेंस पाए जाने पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना और छह माह तक की सजा का प्रावधान भी इस अधिनियम में हैं।
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हमने अपंजीकृत व्यापारियों को नोटिस जारी कर दिया है। अभी और डाटा तैयार करवाया जा रहा है। अंपजीकृत व्यापारियों की संख्या बढ़ भी सकती है।
सर्वेश, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मेरठ