- चुनाव वाले दिन व्हील चेयर या ट्राई साइकिल के साथ पोलिंग बूथ के अंदर जा सकेंगे

- पोलिंग बूथ के अंदर जाने के लिए विशेष रूप से रैम्प बनवाने के निर्देश दिये गए

- ब्लाइंड व सुन सकने में अक्षम वोटर्स ले जा सकेंगे एक कम्पेनियन

<- चुनाव वाले दिन व्हील चेयर या ट्राई साइकिल के साथ पोलिंग बूथ के अंदर जा सकेंगे

- पोलिंग बूथ के अंदर जाने के लिए विशेष रूप से रैम्प बनवाने के निर्देश दिये गए

- ब्लाइंड व सुन सकने में अक्षम वोटर्स ले जा सकेंगे एक कम्पेनियन

abhishek.mishra@inext.co.in

KANPUR : abhishek.mishra@inext.co.in

KANPUR : चुनाव आयोग ने शहर के सवा दो लाख फिजिकली हैंडीकैप्ड वोटर्स को बड़ी राहत दी है। मतदान वाले दिन इन्हें चिलचिलाती धूप में घंटों लाइन में खड़े रहने की जरूरत नहीं है। स्पेशल प्रोवीजन के तहत इन वोटर्स को व्हील चेयर या ट्राई साइकिल समेत पोलिंग बूथ के अंदर जाकर मतदान करने का अधिकार दिया गया है। वहीं ब्लाइंड और सुन सकने में अक्षम लोग अपने साथ कम्पेनियन (साथी) को ले जा सकेंगे।

करना पड़ता था इंतजार

शहर में विकलांग वोटर्स की तादाद करीब सवा दो लाख के आसपास है। वोट डालने के लिए इन्हें अभी तक घंटों लाइन में लगकर अपने नंबर का इंतजार करना पड़ता था। इन वोटर्स की मुश्किल तब और भी ज्यादा बढ़ जाती थी। जब पोलिंग बूथ के अंदर जाने के लिए इन्हें अपनी ट्राई साइकिल या व्हील चेयर से उतरना पड़ता था। फैमिली मेम्बर या पोलिंग सेंटर पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों की मदद से यह अंदर जाकर मताधिकार का इस्तेमाल कर पाते थे। नई व्यवस्था के तहत आयोग ने इन वोटर्स को इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

बिना लाइन में लगे एंट्री

आयोग की ताजा गाइडलाइंस के तहत अब फिजिकली हैंडीकैप्ड वोटर्स को लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। बल्कि, पोलिंग बूथ पर सीधे अंदर जाने का अधिकार दे दिया गया है। मतदान वाले दिन यह वोटर्स पोलिंग सेंटर पहुंचेंगे और वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी इन वोटर्स को अंदर जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करवाएंगे। ट्रेनिंग के दौरान पोलिंग पार्टी मेम्बर्स को इस बात की जानकारी भी दी जा रही है। जिससे चुनाव वाले दिन किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति न पैदा हो।

पोलिंग सेंटर पर रैम्प

लाखों की तादाद में फिजिकली हैंडीकैप्ड वोटर्स के लिए पोलिंग सेंटर के अंदर रैम्प तैयार करने के भी दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। ज्वाइंट चीफ इलेक्शन ऑफिसर रमाकांत पांडेय के अनुसार यह रैम्प टेम्परेरी और परमानेंट भी हो सकते हैं। इसका फायदा यह होगा कि विकलांग वोटर्स अपनी व्हील चेयर या ट्राई साइकिल समेत पोलिंग बूथ के अंदर जा सकेंगे। जिससे मतदान की पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्हें किसी सहारे की जरूरत महसूस न हो।

कम्पेनियन वोटर साथ में

विकलांगों के अलावा शहर में ब्लाइंड व सुन सकने में अक्षम वोटर्स भी अच्छी-खासी तादाद में हैं। ऐसे वोटर्स अपने साथ 'कम्पेनियन' को भी ले जा सकेंगे। घर-परिवार का कोई भी सदस्य कम्पेनियन बन सकता है। अगर वोटर चाहे तो किसी परिचित के साथ भी पोलिंग सेंटर पहुंचकर मतदान कर सकता है।

वर्जन-वर्जन

ø सन-ख्00क् में शहर में विकलांग वोटर्स की तादाद क्,ब्8,ब्ब्ब् थी, जो अब लगभग ख्.ख्भ् लाख तक पहुंच चुकी है। आयोग ने रैम्प की व्यवस्था व पोलिंग बूथ में लाइन में लगने से राहत देकर काफी सहूलियत मुहैया कराई है। इसलिए हम ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट डालने जरूर पहुंचेंगे।

- वीरेन्द्र, प्रेसीडेंट, विकलांग एसोसिएशन यूपी

ø फिजिकली हैंडीकैप्ड समेत ब्लाइंड व सुन सकने में अक्षम लोगों को आयोग ने खास सुविधा मुहैया कराई है। इससे मतदान का प्रतिशत निश्चित रूप से बढ़ेगा।

- शत्रुघन सिंह, डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर