- यूपीटेट 2019 की परीक्षा में सबसे अधिक तीन विषयों के प्रश्नों के आंसर पर उठे सवाल

- अभ्यर्थी ऑनलाइन दर्ज करा रहे है आपत्तियां

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PRAYAGRAJ: यूपी टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट 2019 के प्राइमरी और अपर प्राइमरी की परीक्षा के प्रश्नों के आंसर को लेकर आपत्तियां बुधवार को भी अभ्यर्थियों ने दर्ज करायी। इस दौरान अभ्यर्थियों की तरफ से आपत्तियां दर्ज कराने का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अभ्यर्थियों की तरफ से 17 जनवरी तक ऑनलाइन आपत्तियां दर्ज करायी जा सकती है। वहीं आपत्तियों को लेकर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि सबसे अधिक आपत्तियां प्राइमरी के अभ्यर्थियों द्वारा दर्ज करायी जा रही है। जबकि अपर प्राइमरी के अभ्यर्थियों की तरफ से आपत्तियां दर्ज कराने की संख्या बेहद कम है।

तीन विषयों के प्रश्नों में सबसे अधिक आपत्तियां

यूपीटेट 2019 के प्रश्नों को लेकर दर्ज कराई जा रही आपत्तियों में सबसे अधिक आपत्तियां प्राइमरी के तीन विषयों के प्रश्नों के आंसर को लेकर है। अभ्यर्थियों की ओर से ऑनलाइन आपत्तियां दर्ज कराते समय इंवायरमेंटल साइंस, हिंदी और चाइल्ड साइक्लॉजी विषयों के प्रश्नों के आंसर पर सबसे अधिक शिकायत दर्ज करायी गई है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि अभ्यर्थियों की तरफ से 17 जनवरी तक आपत्तियां दर्ज कराने के बाद उसे विषय विशेषज्ञों द्वारा क्रास चेक कराया जाएगा। उसके बाद फाइनल आंसर- की जारी की जाएगी।

500 की फीस ने कम कर दी आपत्तियां

पिछले सालों के मुकाबले इस बार परीक्षा के प्रश्नों को लेकर आपत्तियों को दर्ज कराने में वाले अभ्यर्थियों की संख्या बेहद कम है। इस बारे में सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि लास्ट इयर तक किसी भी प्रकार की फीस नहीं निर्धारित की गई थी। जिसके कारण मनमाने ढंग से अभ्यर्थी बगैर किसी सही साक्ष्य के आपत्तियां दर्ज कराते थे। इस बार नई व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 500 रुपए फीस जमा कराया जा रहा है। अगर आपत्तियां फर्जी पायी गई तो फीस वापस नहीं होगी। इसी कारण इस बार अपत्तियां दर्ज कराने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में कमी आ गई। सिर्फ वहीं अभ्यर्थी अपनी आपत्तियां प्रश्नों के आंसर को लेकर दर्ज करा रहे है, जिनके पास सही साक्ष्य है। ऐसे में इस बार आंसर-की में परिवर्तन के आसार भी बेहद कम रहेंगे।