बसंत पंचमी स्नान पर्व पर अधिकांश कल्पवासियों के कैंप में लगा रिश्तेदारों का मजमा

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PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर बसे टेंट में कल्पवास कर रहे लोग अतिथि देवो भव: की परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। अधिकांश कल्पवासियों के कैंप में रिश्तेदारों व शुभचिंतकों का मजमा लगा है। सुबह से ही बसंत पंचमी पर्व पर स्नान करने आए लोग अपने जान पहचान के लोगों का टेंट खोजते रहे। जगह-जगह की गई बैरिकेटिंग ऐसे लोगों के लिए समस्या बनी रही।

आतिथ्य से खुश, पुलिस से नाखुश
कुंभ मेला के तीसरे और अंतिम शाही स्नान बसंत पंचमी को लेकर दूर दराज से लोग सुबह से ही कुंभ मेला क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। तमाम श्रद्धालुओं के देर शाम तक आने का क्त्रम जारी रहा। इनमें से अधिकांश लोग पहले से ही यह कह कर घर से निकले कि उन्हें मेला में किसके यहां रुकना है। मेला क्षेत्र में पहुंचे लोग अपने परिचितों का टेंट खोजते हुए नजर आए। लखनऊ से आए दीपक कनौजिया व प्रतापगढ़ के अनुज श्रीवास्तव ने कहा कि पांटून पुल क्रास कर मेला क्षेत्र में घुसने के बावजूद पुलिस परेशान कर रही है। कभी इस पुल तो कभी उस पुल से जाने के लिए कहा जा रहा है। पुलिस के जवान सिर्फ गुमराह करने वाली बात बता रहे हैं।

इस पुल से उस पुल घुमा रहे
कौशाम्बी के नितिन श्रीवास्तव, पप्पू मिश्र, दिनेश भार्गव, मीरजापुर के रामअधार धुरिया कहते हैं कि वे पांटून पुल नंबर 10 से मेला एरिया में जा रहे थे। पुलिस वालों ने उन्हें 11 नंबर पुल से मेला में जाने के लिए कहा। जब वे 11 नंबर पुल पर पहुंचे वहां तैनात पुलिस ने उन्हें फिर 10 नंबर पुल से जाने के लिए भेज दिया। किसी तरह वे 12 नंबर पुल से मेला क्षेत्र पहुंचे। गोपीगंज के जियालाल शर्मा व अयोध्या के भूपेश तिवारी कहते हैं कि मेला क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों से पूछने पर वे पण्डा व संतों के मठ का पता भी नहीं बता पा रहे थे। किसी तरह फोन से संपर्क कर निशान पूछते हुए वे अपनों के टेंट तक पहुंचे। टेंट में पहुंचे अतिथियों का कल्पवासी गर्मजोशी से स्वागत में जुट गए। इसने उन्हें सारी कठिनाई भुला देने पर मजबूर कर दिया।