-सीनियर एडवोकेट अपनी बहू की अस्थि विसर्जन के लिए पहुंचे थे संगम

-करीब 18 लोग मोटरबोट से संगम के लिए निकले

-कुछ ही पल में पलट गई बोट, मचा हड़कंप

-15 लोग बचाए गए तीन डूबे, दो की बॉडी मिली

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट सत्यप्रकाश श्रीवास्तव की फैमिली मंगलवार को अस्थि विसर्जन के लिए मोटरबोट से संगम जा रही थी। इस दौरान अचानक किलाघाट पर मोटरबोट यमुना नदी में डूब गई। इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। बोट में बैठे करीब 18 लोग डूबने लगे। स्थानीय मल्लाहों और जल पुलिस की मदद से 15 लोगों को बचा लिया गया, जिसमें दो बच्चे भी शामिल हैं। लेकिन तीन लोगों का पता नहीं चला। जल पुलिस के सर्च आपरेशन में दो व्यक्ति की बॉडी मिली। अन्य एक की तलाश में पुलिस जुटी रही।

मुम्बई में हुआ था देहांत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट सत्य प्रकाश श्रीवास्तव जार्जटाउन एरिया में रहते हैं। उनका बेटा संदीप मुम्बई में जॉब करता है। संदीप की फैमिली भी मुम्बई में रहती है। कुछ दिन पहले अचानक संदीप की वाइफ किंनरी की इंफेक्शन से मौत हो गई। सोमवार की शाम को वाइफ की अस्थि कलश लेकर संगम में विसर्जित करने के लिए फैमिली मेम्बर्स संगम नोज पहुंचे थे।

शाम को विधायक भी पहुंचे

सत्यप्रकाश के फैमिली मेम्बर्स के अलावा विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, दोस्त, कजिन और कुछ जज भी संगम नोज पहुंचे थे। शाम को करीब पांच बजे संगम किला घाट से संगम जाने के लिए मोटरबोट तय किया गया। मोटरबोट से संगम पहुंच कर अस्थि विसर्जित करना था। सभी फैमिली मेम्बर्स और रिलेटिव मोटरबोट पर बैठ गए। विधायक और प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मोटरबोट में करीब 18-20 लोग बैठे थे जिसमें बच्चे भी शामिल थे। इस दौरान मोटरबोट स्टार्ट भी नहीं हो रही थी। किसी तरह धक्का देकर उसे स्टार्ट किया गया। जैसे ही मोटरबोट आगे बढ़ी, उसकी स्पीड बढ़ गई और यमुना नदी में डूबने लगी। मोटरबोट डूबता देख घाट पर मौजूद लोग चिल्लाने लगे।

हर तरफ त्राहिमाम

आंखों के सामने मौत का मंजर देखकर सभी के होश उड़ गए। इससे बुरा हाल मोटरबोट के अंदर था। अचानक से पानी के अंदर लोग डूबने लगे। बच्चों की बात छोडि़ए महिलाएं और बड़ों की हालत खराब हो गई। लोगों की चीख सुनकर स्थानीय जल पुलिस और गोताखोरों ने मदद के लिए नदी में छलांग लगा दिया। नाव वाले भी अपनी नाव लेकर वहां मदद के लिए पहुंचे।

15 लोग बचा लिए गए

गोताखोर और मल्लाहों ने एलर्टनेस दिखाई और सत्य प्रकाश, वाइफ माधुरी, बेटा संदीप, संदीप की दोनों बच्चियां आयुषी व स्मृति, रामजी, प्रकाश चन्द्र दुबे, देव दयाल, माता प्रसाद, बच्चा त्रिपाठी आदि लोग बचा लिए गए। एक-एक करके उन्हें नदी से बाहर लाया गया। लोगों ने पानी पी ली थी। एक-एक करके लोगों को बचाने का अभियान चलता रहा। लेकिन अब भी लोगों के होश उड़े थे। यह सवाल था कि आखिर उनके अपने कहां हैं? सभी की काउंटिंग हुई तो पता चला कि अभी तीन लोग लापता हैं, जिसमें हाईकोर्ट के एडवोकेट सुशील उर्फ स्वर्ण श्रीवास्तव, शंकर और अजय का नाम बताया गया। इन तीनों की तलाश में कई टीमें लगा दी गई।

सात बजे निकली बॉडी

इस सनसनीखेज घटना की जानकारी मिलते ही सीओ दारागंज अल्का धर्मराज वहां पहुंच गई। कुछ देर बाद एसपी सिटी राजेश यादव भी मौके पर पहुंच गए। मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण बचाव अभियान में जो हो सकता था, जल पुलिस कर रही थी। मल्लाहों की कई टीमें लगा दी गई। हर तरफ जाल बिछा दिया गया। करीब डेढ़ घंटा बीत चुका था और सफलता हाथ नहीं लगी थी। ठीक सात बजे सुशील की बॉडी मल्लाहों ने नदी से ढूंढ निकाली। उसकी बॉडी देखकर घर वालों के होश उड़ गए। यह आस लगी रही कि वह जिन्दा हैं। उन्हें तत्काल एम्बुलेंस से हॉस्पिटल भेज गया। सात बजे के बाद भी बचाव टीम लगी रही। लेकिन तब तक शाम ढल चुकी थी और अब गोताखोरों के लिए भी पानी के अंदर जाना मुश्किल हो रहा था। देर शाम दो अन्य व्यक्तियों शंकर व अजय की बॉडी निकालने में भी गोताखोर सफल हुए।

घटनाक्रम एक नजर में

-करीब पांच बजे सत्य प्रकाश की फैमिली पहुंची थी संगम नोज

-साढ़े पांच बजे मोटरबोट से संगम के लिए चले

-करीब 18-20 लोग मोटरबोट के अंदर बैठे थे

-कुछ ही पल में अचानक मोटरबोट नदी में डूबने लगी

-स्थानीय मल्लाहों ने शुरू किया बचाव अभियान

-15 लोगों को मौत के मुंह से बचा कर निकाला

-तीन लोग डूब गए उनका पता नहीं चल रहा था

-करीब सात बजे एक व्यक्ति की नदी से बॉडी निकली

-देर रात दूसरी बाडी निकाली गई

पहले से कह रहे थे ज्यादा लोग हैं

इस घटना के बाद वहां पर सीनियर सिटीजन ने कुछ ऐसी बात बताई जिसको लेकर चर्चा का विषय बन गया। लोगों का कहना था कि मोटरबोट छोटी थी। शुरू से ही लोग मना कर रहे थे कि मोटरबोट पर एक साथ इतने लोग मत जाओ। लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। जबरदस्ती लोग अंदर बैठ गए और यह हादसा हो गया।

तैर कर निकले देव दयाल

एडवोकेट सत्यप्रकाश श्रीवास्तव की फैमिली के साथ झूंसी के रहने देव दयाल भी बैठे थे। मौत को करीब से देखकर वापस लौटे देव दयाल की मानें तो वह एक अच्छे तैराक हैं। उन्होंने नदी में मोटरबोट डूबने के बाद खुद ही तैर कर नदी के किनारे पहुंचे और अपनी जान बचाई। घटना के बाद वहां पर जिसे मौका मिला बचाव दल में शामिल हो गया। इस दौरान प्रशासनिक टीम का ड्राइवर अप्पा भी पहुंच गया। वह भी तैराक हैं। मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी ने बताया कि ड्राइवर अप्पा ने नदी में डूब रहे बच्चे की जान बचाई।

----------

मौत के मुंह से बचे

1-सत्य प्रकाश

2-माधुरी

3-संदीप

4-आयुषी

5-आदि

6-स्मृति

7- रामजी

8-प्रकाश चन्द्र दुबे

9-देव दयाल

10-माता प्रसाद

11-बच्चा त्रिपाठी

नदी में डूबे

1-एडवोकेट सुशील-बॉडी मिली

2-शंकर मौर्या (सुशील का नौकरर) -बॉडी मिली

फ्-अजय श्रीवास्तव,रामापुर सरायइनायत-बॉडी मिली