LUCKNOW: एक आइडियल मां के बारे में हम अभी तक कल्पना करते थे तो तस्वीर उभरती थी एक ऐसी महिला की जो अपने बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे। बच्चों की पसंद और जरूरत का ख्याल रखने वाली। अपनी औलाद की बेहतर परवरिश और उन्नति के लिए हर पल बेचैन रहने वाली। यानी घरेलू कामों में इतनी उलझी हुई कि पर्सनल लाइफ के लिए कोई जगह ही नहीं। मगर बदलते दौर ने मां के इस स्वरूप को बदल दिया है। भागदौड़ भरी इस जिंदगी में मां का स्वरूप डिजिटल हो चला है। बच्चे जहां अपनी टफ लाइफ शेड्यूल के चलते बिजी रहते हैं तो मदर्स अपना करियर संवारने में व्यस्त हैं। ऐसे में सोशल मीडिया एप्प और सोशल साइट्स के जरिए वे अपने बच्चों के करीब रहती हैं। बच्चों के टच में रहने का यही जरिया उन्हें डिजिटल स्वरूप दे दिया है। इंटरनेशनल मदर्स डे पर आइए जानते हैं सिटी की ऐसी ही कुछ मांओं को जो डिजिटल दुनिया की इस परिधि में जीते हुए अपनी सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं

बेसिक फोन से स्मार्ट फोन तक अपडेट

अलीगंज सेक्टर-डी में रहने वाली कुसुम चंद्रा की उम्र भले ही 70 साल के आस-पास हो गई है, लेकिन अपने बच्चों के लिए उनका प्यार बढ़ती उम्र के साथ डिजिटल कल्चर में बदल रहा है। फैमिली में उनके एक बेटा मोहित और बेटी सपना है। हालांकि उनकी शादी के कई वर्ष हो गए और कुसुम चंद्रा के चार नाती पोते है। बेटा मोहित फैमिली के साथ पिछले क्भ् सालों से देश और विदेश के अलग-अलग सिटीज में रह रहा है। कुसुम चंद्रा कहने को तो अपने बेटे से दूर है, लेकिन हाईटेक सिस्टम के चलते वह हर पल अपने बच्चों के करीब रहती है। पन्द्रह पहले जब मोबाइल फोन नहीं था तब वह बेसिक फोन का यूज करती थीं। समय के साथ ही अब स्मार्ट फोन के जरिए वह न केवल अपने बच्चों से हर रोज बात करती है बल्कि मैसेज और चैटिंग के जरिए उनकी खुशियों में भी शामिल होती है।

समय के साथ बदलना जरूरी है

दिल्ली का कसमांडा हाउस स्कूल की पढ़ी कुसुम चंद्रा यूं तो हर फील्ड के बारे में एक्टिव रहती हैं। उनका कहना है कि समय के साथ बदलना जरूरी है। अब वह अपने बच्चों के लिए बल्कि उनके भी बच्चों के लिए डिजिटली अपडेट हो रही है। मोबाइल फोन पर केवल बात नहीं बल्कि व्हाट्सएप्प पर चैट भी करती है। नेट पर अपनी और उनकी फोटो तक अपलोड करती है।

गोमती नगर पत्रकारपुरम में रहने वाले डॉ। बृजेश बेन की पत्नी प्रमिला यूं तो हाउस वाइफ है। हसबैंड डिप्टी मेडिकल चीफ अफसर है और उनकी पोस्टिंग बहराइच के जरवल में है। पोस्टिंग आउट ऑफ सिटी होने के चलते, ऐसी स्थिति में प्रमिला को दोहरी जिम्मेदारी की भूमिका निभानी पड़ती है। पहले वह घर भी देखती है और दूसरी अपनी बेटी के करियर को भी सवार रही है। प्रमिला यूं तो स्मार्ट फोन का यूज बहुत दिनों से कर रही है, लेकिन अब स्मार्ट के जरिए न केवल वह नई-नई जानकारियों से अपडेट रहती है बल्कि अपने बच्चों के बिहेवियर निगाह रखने के लिए भी अपने आप को डिजिटल रखती है।

व्हाट्सएप्प या स्काइप पर चैटिंग

प्रमिला ने स्मार्ट फोन के साथ-साथ नेट फैमलियर भी है। अपनी बेटी शीवी के साथ वह व्हाट्सएप्प से जुड़ी है। बेटी के व्हाट्सएप्प चैट से लिंक से उन्हें बेटी के बिहेवियर पर निगाह रखने में बहुत हेल्प मिलती है। स्काइप और लाइन जैसे एप्प को भी यूज करती है। ताकि उनकी बेटी उनके साथ नेट फैमलियर हो सके। बेटी शीवी की हर एक्टिविटी को प्रमोट करने के साथ उसकी उपलब्धियों को एफबी (फेसबुक एकाउंट) में भी पोस्ट करती है। उस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लिंक मिले जिसे इसके लिए वह अपने फेंड्स और फैमिली का एक ग्रुप भी बनाया है।

ग्रुप में भी जोड़ रखा है

प्रमिला अपनी बेटी के एफबी एकाउंट से भी जुड़ी हुई है। जिससे उनकी बेटी क्या एफबी पर क्या पोस्ट कर रही और उसके नेट पर कौन-कौन से दोस्त है और क्या चैटिंग करते है। इसकी जानकारी उन्हें हो सके। बच्चों के होमवर्क की तरह प्रमिला भी हर रोज अपने एकाउंट को चेक करती है और उसे अपडेट भी करती है। यहीं नहीं इंटरनेट पर वह ज्यादा से ज्यादा एप्प की जानकारी भी रखती है। बेटी हर मंथ कितना डाटा पैक खर्च करती है उसका हिसाब भी उनके पास होता है।

आलमबाग के पटेल नगर में रहने वाले रजत कालरा बिजनेसमैन है। बिजनेस के चलते वह अक्सर बाहर रहते हैं। उनकी वाइफ कोमल हाउसवाइफ है। फैमिली में दो बेटे अक्षत और आरव है। दोनों बेटे अभी छोटे हैं। उनकी परवरिश के लिए कोमल भी डिजिटल व‌र्ल्ड का सहारा लेती है। उनकी पसंद, जरूरत और पैरेंटिंग टिप्स के लिए इंटरनेट का पूरा यूज करती हैं।

ऑनलाइन करती हैं शॉपिंग

कोमल डिजिटल व‌र्ल्ड से जुड़ने के लिए स्मार्टफोन, लैपटॉप का यूज करती हैं। अपने दोनों बच्चों के लिए इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग करती हैं। शॉपिंग में वह बच्चों के लिए गेम्स, एजुकेशन प्लांस, कई ऐसी सोशल एक्टिविटी प्रोग्राम को भी डाउनलोड करती है जिसके यूज से उनके बच्चों का मेंटल स्तर और ज्यादा बढ़े सके।

पैरेंटिंग टिप्स लेती हैं ऑनलाइन

अपने बच्चों के बेहतर परवरिश देने लिए कोमल डिजिटल स्ट्रांग होने के साथ इंटरनेट पर पैरेंटिंग टिप्स के लेने के लिए अलग-अलग साइट को सर्च करती है। नेशनल और इंटरनेशनल सर्वे को ऑन लाइन पढ़ती है। जिससे उन्हें यह मालूम हो सके कि दुनिया में क्या चल रहा है और कैसे बच्चों को बेहतर तरीके से समझा और पाला जा सके। व्हाट्सएप्प, फेसबुक एकाउंट पर भी कोमल उतनी ही एक्टिव हैं। अपने बच्चों के हर मूवमेंट की फोटो का वह अपलोड करती हैं। एफबी एकाउंट में अपनी पुरानी फोटो का एलबम बनाया है ताकि वह अपने बच्चों को उन्हें दिखा सके।

केस नंबर चार-

इंदिरानगर में रहने वाले प्रखर टंडन बिजनेसमैन है। उनकी वाइफ कृति हाउस वाइफ है। हालांकि, हाउस वाइफ होने के बाद भी किसी प्रोफेशनल की तरह ही कृति डिजिटली साउंड हैं। प्रखर कहते हैं कि वे बिजनेस के चलते अक्सर बाहर रहते है। कृति स्मार्टफोन के साथ लैपटॉप और अन्य संसाधन के जरिए नेट फैमिलियर हैं। फैमिली के साथ-साथ अपने एक्सपेक्ट चाइल्ड के लिए कृति इंटरनेट के जरिए जानकारी जुटा कर उसे फॉलो भी करती हैं।

इंटरनेट के थ्रू बनाया पूरा चार्ट

चाइल्ड एक्सपेक्ट करने के दौरान कृति ने डॉक्टरी सलाह के अलावा खुद भी बहुत की प्लान किया। उनकी प्लानिंग डिजिटली थी। इंटरनेट के जरिए बच्चे के एक्सपेक्ट करने के साथ उनके बर्थ से पहले उसका कैसे ख्याल रखा जाए। बर्थ के बाद किन-किन बातों को ध्यान रखा जाए। यहीं नहीं इंटरनेट के जरिए अपना और बेबी के डाइट चार्ट भी खुद तैयार किया।

अपडेट होना जरूरी

मदरहुड प्लान कर रही महिलाओं को हाईटेक होने के साथ हर समय अपडेट होना बहुत जरूरी है। कृति का कहना है टाइम बदल रहा है। फैमिली में आप के साथ जब कोई बुजुर्ग मेम्बर न हो तो ऐसी स्थिति में डिजिटल व‌र्ल्ड आप का सबसे बड़ा सहारा होता है। डिजिटल व‌र्ल्ड के लिए आप वो सलाह और सिस्टम को भी जान सकते है जिन्हें कभी बड़े बुजुर्ग बताते थे। इंटरनेट की दुनिया में नेशनल और इंटरनेशनल सर्वे के जरिए ऐसी बहुत सी डिटेल और डाटा है जिससे बच्चे के प्लान के साथ उनके बर्थ और उनके पालन पोषण की पूरी डिटेल मौजूद है। हालांकि, गूगल को डॉक्टर की तरह नहीं यूज करना चाहिए। हां गूगल से मिलने वाली जानकारी केवल एक्सटर्नल पार्ट में ही यूज करना चाहिए।