मुंबई (आईएएनएस)। Mothers day 2020 : सचिन तेंदुलकर देश में हजारों लोगों के लिए एक इंस्पिरेशन हैं पर इसके पीछे उनकी मां का हाथ हैं। सचिन ने मदर्स डे पर बताया कि उनकी मां ने उन्हें एक सक्सेजफुल क्रिकेटर बनाने के लिए कितने सेक्रेफाइज किए हैं। इस मदर्स डे पर तेंदुलकर ने कोरोना के फ्रंटलाइन वाॅरियर्स जो मांएं हैं उनसे बात की है। सचिन ने उनके एफर्ट्स और सेक्रेफाइज को देश के लिए अहम बताया। क्रिकेटर ने बताया कोच्चि की पुलिस कमिश्नर दीपती ज्योतिष ने लाॅकडाउन को बनाए रखने में अहम रोल अदा किया है। जनरल पीडियाट्रिक्स, बर्मिंघम, यूके में सलाहकार, संध्या कुरुप, नोडल अधिकारी, कोविद सेल, कोइकोड, अमृता जयकृष्णन, स्वैच्छिक सेवा में शामिल कानूनी पेशेवर यूके, उसने निजी प्रयोगशालाओं के साथ सामन्जस्या बिठाया और लंदन में तेजी से कोविड 19 टेस्ट सुविधाएं प्रदान की हैं।

मैं उन सभी मांओं को धन्यवाद कहना चाहूंगा

लेटिशा यूके में नर्स के तौर पर काम करती हैं और कोरोना वायरस सर्वाइवर भी रही हैं। शिनी मार्कोस एक होम वर्कर थीं जो कोरोना सर्वाइवर रही हैंं। बिंदु जयन मेडिकल काॅलेज की सोशल एक्टिविस्ट और मास्क प्रोडक्शन के लिए फ्री में काम करने वाली महिला हैं। मुंबई की सौम्या भूषण एक जर्नलिस्ट हैं। इस तरह से तेंदुलकर ने कई कोरोना वाॅरियर मांओं से बात की है। तेंदुलकर ने उन्हें लेकर कहा, 'ये समय बहुत खराब चल रहा है जब मांएं अपने बच्चों के साथ नहीं रह सकतीं। मैं इस प्लेटफार्म के जरिए उन सभी को धन्यवाद कहना चाहूंगा। मैं इस दौर में एक सवाल पूछना चाहूंगा कि जब आपको अपने परिवार के साथ पर्याप्त समय मिल रहा है तो बिताइए पर इस मुश्किल की घड़ी में कोरोना वाॅरियर्स बिना अपना और खुद के परिवार को ध्यान दिए आपके लिए काम कर रहे हैं। उनमें से कुछ तो अपने घर भी नहीं जाते कि उन्हें संक्रमण न हो जाए। देश को इस वक्त उनके इस एफर्ट को सराहना चाहिए।'

मां- बेटी का एक वीडियो देख हुए थे इमोशनल

तेंदुलकर ने कहा, 'मुझे याद है मुझे याद है कि मैं एक वीडियो देख रहा था जहां एक नर्स मां अपने बच्चे से 20 फीट की दूरी पर खड़ी थी और बच्चा उसके पति के साथ था। बच्चा रो रहा था पर मां उसके पास नहीं जा सकती थी और न तो अपने बच्चे को गले से लगा सकती थी। क्या आपको ये सेक्रेफाइज समझ आता है। मैं जानता हूं जब वो बच्चा बड़ा होगा तो उसे जरूर समझ आएगा कि उसकी मां ने उसे गले से क्यों नहीं लगाया।'

जब पहली बार उनकी मां स्टेडियम में गईं और उन्हें खेलता देखा

तेंदुलकर ने आगे बताया, 'मेरे क्रिकेट खेलने के लिए मेरी मां ने सपोर्ट किया था। मैं अपना आखिरी गेम मुंबई में खेलना चाहता था और इसके लिए मैंने एन श्रीनिवाशन से इसके लिए फोन पर बात की थी। वो मान गए मेरे आखिरी गेम के लिए मुंबई में खेलने के लिए, वो भी मेरी मां के सामने। मेरी उस दिन पहली बार स्टेडियम के अंदर गई थी और उनके लिए वो दिन बहुत बड़ा था क्योंकि मैं चाहता था वो उस दिन देखें कि मैं पिछले 24 साल से क्या कर रहा हूं।' तेंदुलकर ने बताया जब भी वो किसी टूर से वापस लौटते थे तो वो अपनी मां के हाथ का ही खाना खाते थे। इसके साथ ही उन्होंने अपनी वाइफ अंजली की भी तारीफ की बेटी सारा और बेटे अर्जुन को बड़ा करने में।