- जुआ घर चलाने वाले पुलिस और नेताओं की देते थे धमकी

- शहर में गहरी होती जा रही है जुआरियों और कैसिनो की जडें

- पुलिस दबाव के कारण ढीली करती देती है कार्रवाई

MEERUT: शहर में कैसीनो संचालित होने की यह अकेली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई जगहों पर जुआ घर और कैसिनो संचालित होते पकड़े गए हैं। सरेआम कॉलोनियों के बीच यह संचालित होते हैं। इनके बारे में स्थानीय लोग सूचनाएं भी देते हैं, लेकिन पुलिस इन पर रोक लगाने में हमेशा से ही नाकाम साबित रही है। जब पानी सिर से ऊपर निकला तब कहीं जाकर पुलिस ने इन पर छापा मारा। या तो कोई घटना के चलते या फिर पब्लिक के भारी दबाव के चलते। मंगलवार को पुलिस ने जुआ घरों पर तभी छापा मारा जब वहां पर फायरिंग और पथराव की घटना हुई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की शय पर वहां जुआघर संचालित हो रहा था।

सरेआम चल रहा था कैसीनो

मलियाना फाटक स्थित साबुन गोदाम के पास खाली मकान में काफी समय से जुआघर चल रहा था। यह मकान सुरेंद्र कुमार है। उसका पुत्र प्रिंस ही अपने साथियों के साथ मिलकर यह जुआघर चला रहा था। स्थानीय लोगों की मानें तो पुलिस की शय पर यह जुआ घर चल रहा था। मोहल्ले के बीचो-बीच खुलेआम दिन-रात यहां जुआ खेला जाता था। शाम के वक्त तो करीब 40 से ज्यादा लोग जमा हो जाते थे। शराब भी परोसी जाती थी। स्थानीय लोगों की मानें तो आए दिन यहां पर हंगामा होता था। रुपयों के लेनदेन को लेकर करीब रोज ही मारपीट और गाली गलौज होती थी। यहां तक कि लोगों ने पहले भी फायरिंग की घटना होने के आरोप लगाए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि शाम के वक्त मोहल्ले की युवतियों का घर से निकलना दूभर हो जाता है।

पुलिस को सुविधा शुल्क

स्थानीय लोगों के मुताबिक पहले भी उनका जुआरियों से टकराव हो चुका है। जुआ घर चलाने वाले उन्हें धमकी देते थे कि हजारों रुपये पुलिस को पहुंचाया जाता है, पुलिस भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। लोगों का आरोप था कि मंगलवार को पुलिस ने जुआ घर से करीब डेढ़ लाख रुपए कैश भी बरामद किया। हालांकि पुलिस ने ऐसे आरोपों से साफ इंकार कर दिया है।

नेताओं के नाम पर

स्थानीय लोगों ने बताया कि जुआ संचालित करने वालों के ऊपर नेताओं की भी सरपरस्ती है। उन्होंने बताया कि जब भी पब्लिक उनको टोकती थी वह हर बार उन्हें नेताओं के नाम से धमकाते थे। यही वजह था कि पब्लिक भी उनसे डरने लगी थी।

पहले भी हो चुकी है फायरिंग

कैसीनो, जुआ और सट्टेबाजी की जड़ें शहर में बहुत गहरी होती जा रही हैं। पूर्व में हुई कई घटनाएं इसकी गवाही दे रही हैं। पहले भी रुपयों के लेनदेन को लेकर फायरिंग और मारपीट जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अधिकांश में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करने से पीछे अपने कदम पीछे खींच लिए। गंगानगर में पिछले वर्ष 10 जून को सट्टे की बकाया रकम के विवाद को लेकर सट्टा माफिया ने एक युवक पर घर में घुसकर फाय¨रग कर दी थी।

दबाव में पकड़े भी गए

कई मामलों में ज्यादा दबाव पड़ा तो पुलिस को कार्रवाई भी करनी पड़ी। छापा मारकर कइयों को पकड़ा भी, लेकिन बाद में ये मामले ठंडे पड़ गए। पिछले वर्ष 9 जून को कंकरखेड़ा में सट्टे का काला कारोबार करने वाले दो भाइयों को एएसपी ने टीम के साथ मिलकर गिरफ्तार किया था। पुलिस को दोनों की आवाज की रिकॉर्डिग एक युवती ने उपलब्ध कराई थी, उसको आधार बनाते हुए पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया था। वहीं 22 जूनवरी 2015 को ब्रहापुरी के इंद्रानगर सेकेंड से पुलिस ने सटोरियों का गैंग पकड़ा था। जो ऑनलाइन से लेकर खुलेआम सट्टे का दांव लगा रहे थे। पुलिस 11 लोगों को पकड़कर थाने ले आई। इसके अलावा 15 जनवरी 2015 को नौचंदी थाना क्षेत्र सेक्टर तीन से पुलिस ने एक मकान में छापा मारकर वहां जुआ खेल रहे सात जुआरियों को दबोचा था, जबकि दो लोग मौका पाकर वहां से भाग गए थे। पुलिस ने मौके से 42 हजार रुपये भी बरामद किए थे।

एसएसपी का वर्जन

अक्सर बवाल कराता है जुआ

31 मार्च 2015 : लिसाड़ी गेट के न्यू इस्लामनगर में जुआ खेलने के दौरान हुए विवाद में एक युवक को गोली मार दी गई थी, जिसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

1 मार्च 2015 : खत्ता रोड स्थित इंद्रानगर में एक मकान में सट्टा चलने का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया था। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोड पर जाम लगा दिया था।