आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज को एम्स बनाने का मुद्दा एक बार फिर जोर-शोर से उठा है। इस बार गूंज संसद में उठी है। मेडिकल कॉलेज को एम्स का दर्जा देने के साथ मौजूदा बेडों की संख्या भी बढ़ाने की मांग की है। सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही विशेषज्ञों की भी नियुक्ति की जाएगी। जिससे मरीजों को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली या जयपुर का रुख न करना पड़े।

संसद में गूंजा एसएन को एम्स बनाने का मुद्दा

सांसद बघेल ने एसएन को एम्स का दर्जा देने के लिए संसद में प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि एसएन कॉलेज सभी मानकों को पूरा करता है। आगरा, मथुरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, भरतपुर आदि जगहों के लोग यहां इलाज के लिए आते हैं।

204 करोड़ से बदलेगी सूरत

एसएन को एम्स के मानकों पर खरा उतारने के लिए मास्टर प्लान के तहत कार्य किया जा रहा है। जीर्णोद्धार के साथ ही नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसी वर्ष पुरानी ओपीडी बिल्डिंग को ध्वस्त करके 200 करोड़ की नई बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। सात मंजिला बिल्िडग 16 महीनों में पूरी करने का प्रस्ताव दिया गया है। इस बिल्डिंग में कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, पिडियाट्रिक, सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी समेत कई सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध हो सकेगी।

ब्रिटिश काल में बना था कॉलेज

एसएन मेडिकल कॉलेज देश के सबसे पुराने तीन मेडिकल कॉलेज की सूची में आता है.इसको वर्ष 1854 में ब्रिटिश काल में बनाया गया था। तब इसे थॉमसन हॉस्पिटल कहते थे। वर्ष 1944 में पहला एमबीबीएस का बैच निकला था। आज एसएन मेडिकल कॉलेज साढ़े चौबीस एकड़ की जमीन में फैला हुआ है।