- अगले महीने बेली हॉस्पिटल में लग जाएगी एमआरआई मशीन

- हो चुकी हैं तैयारियां, जल्द पूरा होगा प्लेटफॉर्म बनाने का काम

ALLAHABAD: एक महीने और इंतजार करना होगा। इसके बाद बेली हॉस्पिटल में एमआरआई (मैग्नेटिक रिसोनेंस इमेजिंग)) मशीन अगस्त में इंस्टाल हो जाएगी। इसकी लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। हाल ही में लखनऊ से आई टेक्निकल टीम ने भी इंस्पेक्शन कर हरी झंडी दे दी है। हॉस्पिटल में वायरिंग का काम हो चुका है और प्लेटफॉर्म भी लगभग बनकर तैयार है। मशीन लगने के बाद मरीजों को एमआरआई की सस्ती जांच उपलब्ध हो जाएगी।

जरूरी था फ्00 केवीए का कनेक्शन

अमेरिका से आने वाली क्ख् करोड़ लागत की एमआरआई मशीन के कुछ पा‌र्ट्स कंपनी से निकलने के बाद हॉस्पिटल तक कूलिंग सपोर्ट के जरिए आएंगे। यहां आने के बाद इसे तत्काल इंस्टाल करना होगा। ऐसे में फ्00 केवीए का कनेक्शन होना जरूरी था। इसको देखते हुए हॉस्पिटल प्रशासन ने आनन-फानन में यह काम पूरा कराया है। वायरिंग और सेंट्रल कूलिंग होने के बाद प्लेटफॉर्म बनाने का काम भी खत्म होने वाला है। तैयारियों की जांच के लिए हाल ही में आई लखनऊ की टीम हॉस्पिटल का दौरा करके लौट चुकी है। हॉस्पिटल के सीएमएस डॉ। वीके सिंह का कहना है कि मशीन लगने के बाद मरीजों को काफी राहत मिलेगी। उन्हें जांच के लिए भटकना नहीं होगा।

लगेंगे एक हजार रुपए

वर्तमान में शहर के गिने-चुने डायग्नोस्टिक सेंटर्स के पास ही एमआरआई मशीन मौजूद है। जिसमें नार्मल जांच का छह हजार और कंसंट्रेडेट एमआरआई का आठ से नौ हजार रुपए तक लिया जाता है। बेली हॉस्पिटल में इसका चार्ज महज एक हजार रुपए निर्धारित किया गया है। कम फीस में मरीज आसानी से ट्यूमर, खून की बीमारियों आदि की जांच करा सकेंगे। शुरुआती छह महीने में कंपनी का टेक्निकल स्टाफ ही मशीन का संचालन करेगा। हालांकि, हॉस्पिटल के सीनियर रेडियोलॉजिस्ट डॉ। कमलाकर सिंह ट्रेनिंग ले चुके हैं। अब उन पर दूसरे स्टाफ को ट्रेंड करने की जिम्मेदारी है।

एसआरएन में भी लगेगी एमआरआई

बता दें कि एसआरएन हॉस्पिटल में भी एमआरआई मशीन लगने जा रही है। यहां पर बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। शासन ने लगभग आठ करोड़ रुपए भी मंजूर कर दिए हैं। टेंडर होना बाकी है और मशीन हॉस्पिटल में इंस्टाल होने में पांच से छह महीने का वक्त लगेगा।

एमआरआई से इनकी होती है जांच

ब्रेन, हार्ट, लंग्स, पेट, अग्नाशय, गर्भाशय, अंडाशय, हड्डी, रीढ़ आदि।