CSK के भविष्य पर खतरा
सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस मुद्गल कमेटी अपनी रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को बता सकती है कि गुरुनाथ मयप्पन चेन्नई सुपर किंग्स के एक अहम अधिकारी थे. इसके अलावा वह आईपीएल 2013 के दौरान होने वाले मैचों में सट्टेबाजी में भी संलिप्त रहे. हालांकि रिपोर्ट के इस फैसले से आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी के बने रहने पर भी सवाल उठने लगेंगे. कमेटी ने अपनी जांच में यह भी पाया कि मयप्पन सिर्फ एक क्रिकेट फैन नहीं थे, जैसा कि उनके ससुर श्रीनिवासन कहा करते थे. आपको बता दें कि आईपीएल के संविधान के अनुसार अगर किसी फ्रेंचाइजी का मालिक आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी में संलिप्त रहता है तो उस टीम को निलंबित कर दिया जायेगा.

नार्कोटिक्स ब्यूरो ने की जांच

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में आईपीएल स्कैंडल की जांच के बाद जस्टिस मुद्गल कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में 12 नामी क्रिकेटरों और अधिकारियों का नाम एक बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को दिया था. इसके बाद देश की सर्वोच्च अदालत ने नेशनल नार्कोटिक्स ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर बीबी मिश्रा को मामले की जांच करने को कहा था.

जांच मे मिले पर्याप्त सबूत

रिपोर्ट में कहा गया कि मुंबई के एक फोरंसिक लैब ने पाया कि मयप्पन और विंदू दारा सिंह के बीच कथित बातचीत के टेप में जो आवाज है, वह एन श्रीनिवासन के दामाद की ही है. मुंबई पुलिस ने भी पिछले साल मयप्पन पर सट्टेबाजों को मैच से जुड़ी अहम जानकारी मुहैया कराने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि वह विंदू दारा सिंह के जरिये आईपीएल मैच पर सट्टा लगाते थे.        

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