नई दिल्ली (पीटीआई)। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को मुसलमानों से अपील की कि वे इस महीने के अंत में शुरू होने वाले पवित्र माह रमजान के दौरान कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें। उन्होंने उनसे प्रेयर करने और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों जैसे इफ्तार (उपवास तोड़ने) के लिए रमजान के महीने के दौरान अपने घरों के अंदर रहने का आग्रह किया, जो 24 अप्रैल या 25 अप्रैल से शुरू होगा।
दरगाह और अन्य धार्मिक संस्थान राज्य वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आते
25 मार्च से 21 दिन की तालाबंदी की गई और देश में बढ़ते COVID-19 मामलों के मद्देनजर इसे बढ़ाए जाने की संभावना है। ओडिशा और पंजाब जैसे कई राज्यों ने पहले ही लॉकडाउन के विस्तार की घोषणा की है। नकवी की अपील विभिन्न धार्मिक नेताओं, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों, अधिकारियों और राज्य वक्फ बोर्डों के अन्य पदाधिकारियों के साथ बात करने के बाद आई। मंत्री ने सोमवार को मंत्रालय में इस संबंध में बैठकें भी कीं। नकवी, जो केंद्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि देश भर में सात लाख से अधिक पंजीकृत मस्जिद, ईदगाह, इमामबाड़े, दरगाह और अन्य धार्मिक संस्थान राज्य वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आते हैं।
रमजान के दौरान कोई सामूहिक सभा नहीं करने का आह्वान किया
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सऊदी अरब सहित अधिकांश मुस्लिम राष्ट्रों ने धार्मिक स्थलों पर रमजान के दौरान कोई सामूहिक सभा नहीं करने का आह्वान किया है। राज्य सरकार वक्फ बोर्ड, सेंट्रल वक्फ काउंसिल के माध्यम से, यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि रमजान के दौरान किसी भी परिस्थिति में लोग धार्मिक और अन्य स्थानों पर इकट्ठा न हों। उन्होंने कहा कि इस संबंध में लोगों को विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन की मदद लेने की जरूरत है।
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