- कारागार मंत्री ने बीमारी को बताया मुख्तार के ट्रांसफर की वजह

LUCKNOW: कौमी एकता दल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के आगरा से लखनऊ जेल ट्रांसफर किए जाने को लेकर कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें इलाज के लिए लखनऊ जेल लाया गया है। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी का ट्रांसफर रूटीन प्रक्रिया के तहत किया गया। उन्होंने संकेत दिए कि मुख्तार को वापस आगरा जेल भेजा जा सकता है।

ट्रांसफर इतना हंगामा क्यों

उन्होंने कहा कि एक अपराधी को एक जेल से निकाल कर दूसरे जेल में भेजा गया है, इस पर इतना हंगामा क्यों हो रहा है? मुख्तार अंसारी की बीमारी की फाइल उनके पास आयी थी, जिसके बाद उनको आगरा से लखनऊ जेल में शिफ्ट किया गया। रामूवालिया ने यह भी संकेत दिये कि आने वाले दिनों में उन्हें वापस आगरा जेल भेजा जा सकता है। जेल से संबंधित अधिकारियों के तबादले पर पूछे गये सवालों के जवाब से रामूवालिया बचते नजर आये। एडीजी कारागार देवेंद्र ंिसंह चौहान के तबादले के बारे में उन्होंने कहा कि सिर्फ एक ही अधिकारी का ट्रांसफर तो किया नहीं गया है चार और अधिकारियों का तबादला किया गया है। रामूवालिया ने मुख्तार अंसारी के जेल ट्रांसफर और एडीजी डीएस चौहान के तबादले पर किसी तरह की शरारत और साजिश से इंकार किया है।

जेलर के ट्रांसफर की जानकारी नहीं

साल 2011 में जेल के अंदर हुई डिप्टी सीएमओ की कथित हत्या के मामले में जांच के दायरे में आये तत्कालीन जेलर लखनऊ मुकुंद सिंह को नोएडा का जेलर बनाये जाने की जानकारी कारागार मंत्री को नहीं थी। रामूवालिया ने कहा कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

रेस्टोरेंट मालिक ने की फरियाद

चार दिन पहले फिनिक्स माल के पास होटल एक्यूमैन के मालिक रविंद्र सिंह सलूजा ने कारागार मंत्री से मिलकर सीआरपीएफ के जवानों की बर्बरता की दास्तान सुनाई। रामूवालिया का दावा है कि उनके पास सिक्ख समुदाय के लोग उनके पास आये थे। उन्होंने लखनऊ पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। जिसके बाद सीआरपीएफ के पांच जवानों के खिलाफ धारा-307 और 295 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने मथुरा में एक सिक्ख समुदाय के युवक द्वारा गोपाल अग्रवाल के साढ़े छह लाख रुपये को वापस दिलाया। उन्होंने लखीमपुर खीरी और पीलीभीत के युवकों को भी पेश किया जिनकी रामूवालिया ने किसी ना किसी तरह मदद की।