मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि बाबरी मस्जिद केस एक काफी सीरियस मैटर है और वो इस बारे में खुद लेटिगंट हाशिम अंसारी से मिल कर बात करेंगे. बाबरी मस्जिद के वादियों में से एक अंसारी ने इस केस की पैरवी ना करने और रामलला को फ्री करने की बात कह कर सबको सरप्राइज कर दिया था. हाशिम ने यह क्लीकयर कर दिया है कि वह बाबरी मस्जिद के डिमॉलेशन की एनिवसर्री 6 दिसंबर को मुस्लिम ग्रुप्स की ओर से होने वाले यौमे गम (Mourning Day) में भी पार्ट नहीं लेंगे.

बाबरी मस्जिद की ओर से वादी रहे हाशिम अंसारी का कहना है कि वे मस्जिद के नाम पर हो रही पॉलिटिक्स से दुखी हैं, इसलिए अब इस केस की पैरवी नही करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह रामलला को आजाद देखना चाहते हैं. उन्होंने पॉलिटीशियंस पर गुस्सा निकालते हुए कहा कि राम लला तिरपाल रह रहे हैं लेकिन उनके नाम पर मंदिर बनवाने के लिए पॉलिटिक्स करने वाले महलों में रह रहे हैं.

अंसारी ने हनुमानगढ़ी के महंत और अखाड़ा काउंसिल के प्रेसिडेंट ज्ञानदास के साथ मिलकर मंदिर-मस्जिद डिस्प्यूट को साल्व करने के लिए प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी से बात करने का अनाउंसमेंट भी किया. उन्होंने कहा कि जो लोग उन्हें अपोज कर रहे हैं वो चाहते हैं कि रामलला जेल में रहे और उनकी पॉलिटिक्स चमकती रहे. हाशिम का मानना है कि मोदी अच्छे आदमी हैं. उन्होंने बनारस के अंसारी कम्युनिटी के लोगों के लिए अच्छा काम किया है और हाशिम बनारस की अंसारी कम्युनिटी के लोगों के डिसीजन को फॉलो करेंगे अगर वो मोदी को सर्पोट करेंगे तो वे भी वैसा ही करेंगे.

इसके बाद से ही हाशिम लाइम लाइट में है और उनसे मिलने के लिए कई साधू-संत उनके घर पहुंच रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के फारमर मिनिस्टर और अयोध्या के एमएलए तेज नारायण पांडेय पवन के साथ कई समाजवादी नेता भी हाशिम के घर पहुंचे और बंद कमरे में हाशिम अंसारी से करीब आधे घंटे तक बात की. अब मुलायम सिंह भी अंसारी से मिलने का प्लान बना रहे हैं.

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