मुंबई (पीटीआई)। पुलिस ने सोमवार को इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि वे यहां सुशांत मामले की जांच के सिलसिले में आए थे। तिवारी रविवार को मुंबई पहुंचे तो उन्हें बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल काॅरपोरेशन (बीएमसी) ने 14 दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया। इस दौरान वे बसअर्बन गोरेगांव स्थित स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स क्वार्टर में रहेंगे। उनके हाथ में 15 अगस्त तक क्वाॅरंटीन अवधि का स्टांप भी लगा दिया गया है।
बिहार पुलिस अपने तरीके से करेगी जांच
34 साल के राजपूत 24 जून को बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में लटके हुए पाए गए थे। रविवार को तिवारी मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे यहां अपनी पुलिस टीम को सुपरवाइज करने आए हैं। बिहार पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच करेगी। मुंबई पुलिस अपने तरीके से जांच कर रही है और हम अपने तरीके से जांच करेंगे। जरूरत पड़ी तो हम उन बाॅलीवुड सितारों के बयान भी रिकाॅर्ड करेंगे जिन्होंने मुंबई पुलिस को अपने बयान दर्ज करवाएं हैं।
मुंबई पुलिस से मिल रहा बिहार पुलिस को सहयोग
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि बिहार पुलिस को मुंबई पुलिस से सहयोग नहीं मिल रहा है। जांच अभी सही दिशा में चल रही है। मामले से संबंधित सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को हम हासिल करेंगे। मुंबई पुलिस ने राजपूत की मौत के मामले में तकरीबन 40 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इनमें सुशांत के परिवार के कुछ सदस्य भी शामिल हैं। इनमें उनके रसोइए और फिल्म इंडस्ट्री के लोग जैसे फिल्म मेकर महेश भट्ट, फिल्म आलोचक राजीव मसंद, डाइरेक्टर-प्रोड्यूसर संजय लीला भंसाली और फिल्म मेकर आदित्य चोपड़ा शामिल हैं।
बिहार डीजीपी ने ट्वीट कर लगाया आरोप
बिहार पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने आरोप लगाया कि तिवारी को मुंबई की स्थानीय निकाय ने जबरन क्वाॅरंटीन कर दिया है। पांडेय ने ट्वीट किया है कि पुलिस टीम की अगुआई करने आईपीएस विनय तिवारी 11 बजे रात मुंबई पहुंचे तो उन्हें स्थानीय निकाय ने जबरन क्वाॅरंटीन कर दिया। अनुरोध के बावजूद उन्हें आईपीएस मेस में नहीं ठहराया गया है। उन्हें गोरेगांव के गेस्ट हाउस में रुके हुए हैं।

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