शहर में अचानक बढ़ी है सुपारी किलर्स की सक्रियता

बीते दिनों हुई कई हत्याकांडों में इनकी भूमिका आई सामने

ALLAHABAD: शहर में किसी भी विवाद में मारपीट और मर्डर की घटनाएं पहले भी होती थी। लेकिन बीते कुछ दिनों से मुंबई की तर्ज पर यहां भी सुपारी देकर शूटरों से हत्या कराने का नया सिलसिला शुरू हो गया है। ये कुछ समय से संगम नगरी में तेजी से फैल रहा है। बीते दिनों शहर में हुई कई सनसनीखेज हत्या की घटनाओं में सुपारी किलर सामने आए हैं। शूटरों की तेजी से बढ़ती सक्रियता ने हत्या जैसे संगीन अपराध को नया ट्रेंड दे दिया है।

पुलिस को नहीं मिल रहा सुराग

शहर में पिछले कुछ महीनों में हत्या की कई ऐसी वारदात हुई हैं, जिनका खुलासा पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है। इसके पीछे बड़ा कारण ये है कि हत्या जैसे अपराध को अंजाम देने के लिए हायर किए जाने वाले शूटर वारदात के बाद शहर छोड़ देते हैं। अंजान द्वारा हत्या किए जाने से हत्या का कारण ढूंढ़ने में भी पुलिस को पसीने छूट जाते हैं। यही कारण है कि बीते कुछ महीनों में हुई कई वारदातों का खुलासा पुलिस नहीं कर पा रही है। ऐसे ही मामलों में चर्चित डॉ। एके बसंल हत्याकांड भी है। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए शूटरों का इस्तेमाल किया गया था। आज तक पुलिस इसमें कुछ नहीं कर पाई है। इस मामले के खुलासे के लिए पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच व एसटीएफ लखनऊ की टीम भी लगी थी।

शहर के चर्चित हत्याकांड

लास्ट इयर छह जून को नैनी सेंट्रल जेल के पास जेल में बंद पिता चन्द्रभान से मिलकर आ रहे बेटे ज्ञानचंद्र यादव उर्फ वकील पर शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद हत्याकांड का खुलासा किया।

साल की शुरुआत में ही फेमस डॉ एके बंसल हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया। हत्याकांड की जांच के लिए पुलिस के साथ एसटीएफ की टीमें भी लगीं, लेकिन आज तक खुलासा नहीं हो सका। हत्याकांड को शूटरों ने अंजाम दिया था।

बीते दिनों सपा नेता रामचन्द्र पासी पर धूमनगंज में शूटरों ने हत्या की नियत से फायरिंग की। गोली लगने से सपा नेता गंभीर रूप से घायल हो गए। इसमें भी शूटरों की भूमिका सामने आई थी।

5 मई को सिविल लाइंस में प्रतियोगी छात्र अनुराग की बीयर शॉप के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई। इसमें भी शूटरों के शामिल होने की बात सामने आयी थी।

सिविल लाइंस में ही 30 अप्रैल की रात पान व्यवसायी महेन्द्र चौरसिया की हत्या में भी शूटरों का इस्तेमाल किया गया था।