गार्बेज फ्री के बाद ओडीएफ प्लस की जांच को आएगी टीम

90 सार्वजनिक शौचालय बने हैं निगम के रिकार्ड के अनुसार

20 शौचालय अभी तक चालू हालत में नही हैं

Meerut। गारबेज फ्री सिटी के बाद अब निगम की अधूरी तैयारियों के बीच ओडीएफ प्लस के दावों की जांच होगी। हालांकि, इसके लिए नगर निगम ने इस साल पिंक और ब्लू टॉयलेट की नई उपलब्धि अपने खाते में जोड़ी है, जिसके आधार पर निगम ओडीएफ प्लस का दावा कर रहा है। अब देखना यह है कि केवल पिंक ब्लू टॉयलेट के आधार पर निगम का यह दावा स्वीकृत हो जाएगा। शौचालय और यूरिनल में गंदगी फैली हुई है उसका खामियाजा निगम को भुगतना पडे़गा।

शौचालयों की हालत खस्ता

नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार शहर में अभी तक 90 सार्वजनिक शौचालय बने हुए हैं। इनमें से करीब 20 शौचालय अभी चालू हालत में नहीं हैं। इसके अलग बाजारों में बनाए गए अधिकतर यूरिनल चालू हालत में है, लेकिन उनमें गंदगी और अव्यवस्था फैली हुई है। शौचालयों में कहीं रैंप नहीं बने हैं। तो कहीं पार्टिशन टूटा है। वहीं, शौचालयों में अभी तक पानी और बिजली कनेक्शन भी शुरु नहीं हो सका है। वहीं जिन पिंक शौचालयों के दम पर निगम यह ओडीएफ प्लस जीतने का दावा कर रहा है उन पिंक शौचालयों में ही अभी तक सेनेटरी नेपकिन की मशीन नहीं लगी है। पानी और बिजली कनेक्शन की कवायद इस माह निगम ने शुरु की है।

निरीक्षण के साथ होंगे सवाल

स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान ओडीएफ प्लस के दावों का सच जानने के लिए टीम स्थानीय लोगों से सिटीजन फीडबैक लेगी। इसमें शौचालयों के निरीक्षण के साथ ही ओडीएफ से संबंधित सवाल जनता से पूछे जाएंगे। इसमें ओडीएफ और ओडीएफ प्लस में अंतर से लेकर सुविधाओं तक की जानकारी ली जाएगी। इसमें जनता ही खुद निगम के शौचालयों का सच टीम के सामने बयां करेगी।

ये होंगे जरुरी प्वाइंट

ओडीएफ प्लस-प्लस में सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों में डस्टबिन होने चाहिए।

शौचालय में शीशा, साबुन, तौलिया की व्यवस्था होनी चाहिए

महिलाओं के लिए सेनेटरी नेपकिन मशीन शौचालय में लगी हो

दिव्यांग लोगों के लिए शौचालय में जाने के लिए रैम्प की व्यवस्था होनी जरुरी है।

शौचालय के बाहर स्वच्छता संदेश की पेंटिंग हो

अधिकतर शौचालयों में साफ सफाई नियमित रुप से कराई जा रही है हम ओडीएफ प्लस के लिए पूरी तरह तैयार हैं कुछ शौचालयों में खामियां है उनको रिपेयर कराया जा रहा है।

डॉ। गजेंद्र, नगर स्वास्थ्य अधिकारी