- लोकप्रिय नेता होने की वजह से चुनाव में दिखता असर

- बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने किया था समर्थन

- सभी दलों ने मुन्ना सिंह चौहान के निधन पर जताया शोक

LUCKNOW: चौधरी चरण सिंह के बाद पश्चिमी उप्र में सिमट चुके राष्ट्रीय लोक दल को अवध और पूर्वाचल में एक बार फिर जमीन मुहैया कराने वाले प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के निधन से चुनावी तैयारियों को गहरा झटका लगना तय है। हाल ही में मुन्ना सिंह चौहान ने फैजाबाद से उपचुनाव भी लड़ा था जिसमें उन्होंने प्रमुख विपक्षी दलों को अपनी ताकत का बखूबी अहसास कराया था। सभी प्रमुख राजनैतिक दलों में भी उनके अच्छे संबंधों का लाभ भी रालोद को यदा-कदा मिलता रहा। यही वजह है कि उनके निधन के बाद सभी दलों ने शोक जताते हुए इसे सूबे की राजनीति के लिए अपूर्णनीय क्षति करार दिया है।

नितीश कुमार को भी जोड़ा

कहना गलत न होगा कि चुनाव में तीसरे मोर्चे की बुनियाद रखने वाले नेताओं में मुन्ना सिंह चौहान भी शामिल थे। फैजाबाद उपचुनाव में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को समर्थन देकर इसके संकेत भी दे दिए थे। उपचुनाव में मुन्ना सिंह ने सपा प्रत्याशी आनंद सेन को कड़ी टक्कर भी दी। यह सीट मित्रसेन यादव के निधन से रिक्त हुई थी जिस पर सपा ने उनके पुत्र आनंद सेन को सहानुभूति वोट बटोरने के लिए उतारा था। इसके बावजूद आनंद सेन को करीब 66 हजार तो मुन्ना सिंह को 62 हजार वोट मिले थे। भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा था। सूत्रों के मुताबिक मुन्ना सिंह अपना दल समेत कई छोटे दलों को साथ लेकर बड़े गठबंधन की नींव तैयार कर रहे थे ताकि विधानसभा चुनाव में रालोद अहम भूमिका में आ सके। उनके निधन से रालोद को अब नये सिरे से चुनावी तैयारियां करनी होंगी। मुन्ना सिंह की जगह अजीत सिंह किसे नया प्रदेश अध्यक्ष बनाते हैं, इस पर भी लोगों की नजरें रहेंगी।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शोक जताया

रालोद प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के निधन पर राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में उन्हें जुझारू नेता बताते हुए कहा कि वे किसानों की समस्याओं के प्रति हमेशा सक्रिय रहते थे। उनके विभिन्न मुद्दों को लेकर राजभवन भी आते थे। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि खो दिया है। इसके अलावा सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। भाजपा मुख्यालय में तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।