Case-1 सीबी गंज के रहने वाले हुकुम सिंह के पिता अंगन लाल की डेथ हुए महीनों बीत गए हैं। अंगन लाल ने अपने नाम पर बिजली कनेक्शन ले रखा था, जिसका कनेक्शन नंबर 120830 और बुक संख्या 4806 है। अंगन लाल के मरने के बाद भी इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट द्वारा कागजी कार्रवाई पूरी कर बिजली का कनेक्शन अंगन लाल के बेटे हुकुम सिंह के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया गया है। लिहाजा डिपार्टमेंट अभी भी अंगन लाल के नाम पर बिजली बिल भेज रहा है।

Case-2 गोविंद सिंह की डेथ हुए एक साल बीत गया है। लेकिन बिजली विभाग पिछले एक साल से गोविंद सिंह के नाम पर ही बिजली कनेक्शन नंबर 002751 और बुक संख्या 1601 पर बिजली बिल भेज रहा है। एक वर्ष बीतने के बाद भी विभाग द्वारा कोई कागजी कार्रवाई नहीं की गयी है।

करीब 1 लाख तक हैं ऐसे कनेक्शन

बरेली मंडल में करीब 6,52,286 और बरेली अर्बन में 1,65,500 कंज्यूमर्स हैं। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट द्वारा इन       कंज्यूमर्स के नाम-पते पर बिजली बिल भेजा जाता है। मजे की बात तो यह है कि इनमें से ज्यादातर बिल तो इसलिए जमा ही नहीं होते क्योंकि डिपार्टमेंट कई बिल मृत लोगों के नाम पते पर भेज देता हैं। सूत्रों की मानें तो बरेली मंडल में मृत कंज्यूमर्स की संख्या करीब 90 हजार से 1 लाख के आस-पास है।  

आरसी भेजने की तैयारी

जिम्मेदारियों से पीछे हटने वाला इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट कार्रवाई की बात कर रहा है। उनका कहना है कि जिसके नाम पर कनेक्शन है, अगर उसकी डेथ हो चुकी है तो संबंधित व्यक्ति के वारिस की जिम्मेदारी बनती है कि समय से बिल जमा करे। अगर बिल जमा नहीं किया जाता है तो विद्युत अधिनियम धारा 3 और 5 के तहत आरसी भेजी जाएगी और बिल जमा करने के लिए एक महीने का समय दिया जाता है।

नहीं होता सर्वे

कंज्यूमर्स का यह दायित्व है कि जिसके नाम से बिजली कनेक्शन है और उसकी डेथ हो जाती है तो संबंधित व्यक्ति के वारिश को अपने नाम पर कनेक्शन ट्रांसफर करवाना चाहिए। लेकिन कंज्यूमर्स के साथ इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट की भी यह जिम्मेदारी है कि वह समय-समय पर सर्वे कर यह जांच करे कि बिजली बिल जिस नाम पर जारी किया जा रहा है, वो जीवित भी है या नहीं। फिलहाल डिपार्टमेंट की ओर से ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। लिहाजा कई बिजली बिल मृत व्यक्तियों के नाम पर

जारी हो रहे हैं और डिपार्टमेंट को हर महीने लाखों का चूना लग रहा है।

'जिनके नाम से बिजली कनेक्शन है, उनके वारिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह विभाग को इंफॉर्म करें। अब विभाग इतने सारे कंज्यूमर्स को आईडेंटीफाई तो नहीं कर सकता। विभाग द्वारा समय-समय पर जांच की जाती है। बिजली कनेक्शन ट्रांसफर कराने के लिए 50 रुपए प्रोसेसिंग चार्ज लगता है.'

-वीपीसी सक्सेना, एसई, अर्बन, हाइडिल विभाग