सिर कटी लाश निकली

यह वाकया है कि धूनमगंज बमरौली के उमरी गांव का। जहां मस्जिद के पास स्थित एक कुएं में बॉडी मिलने की सूचना पर धूमनगंज पुलिस मौके पर पहुंच गई। गांव वालों ने एक कांटे की मदद से बोरे को कुंए के अंदर से निकलाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। क्योंकि बोरा सड़ चुका था। फिर एक शर्ट दिखा। शर्ट को जब निकाला तो उसमें फंसा हुआ एक मानव सिर दिखा, जिससे बाद वहां हड़कंप मच गया।

 

सरेंडर कर दिया फायर ब्रिगेड ने

कुएं के अंदर से बॉडी निकालने में पुलिस विफल हो चुकी थी। पुलिस ने मदद के लिए फायर ब्रिगेड की टीम को बुला लिया। फायर ब्रिगेड की टीम भी इसमें सफल नहीं हो सकी। क्योंकि अंदर जाकर बॉडी के टुकड़ों को निकलना आसान नहीं था।

पोस्टमार्टम एक्सपर्ट पहुंचे

अब पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस में डॉक्टर की मदद करने वाले एक्सपर्ट को बुलाया। दोपहर बाद पुलिस को कामयाबी हाथ लगी। पुलिस ने कुएं के अंदर से युवक की बॉडी के तीन हिस्से को बरामद किया, जिसमें एक सिर भी शामिल था। सिर के साथ युवक का शर्ट मिला। इसकी जानकारी मिलते ही पूरे एरिया के सैकड़ों लोग जमा हो गए। वो युवक की पहचान करने की कोशिश में जुटे थे।

कुलदीप के रूप में शिनाख्त

बमरौली चौकी इंचार्ज संतोष अवस्थी ने बताया कि युवक का नाम कुलदीप पासी है। उसके कपड़े से उसके घर वालों ने शिनाख्त की है। कुलदीप शिवकुटी के स्वराज्य नगर का रहने वाला था। उसके पिता का इंतकाल हो चुका है। तीन महीने पहले से वह अपने बुआ कुसुम के यहां चकिया एरिया में रहता था। यहीं पर जॉब करता था और सेटल होने की सोच रहा था।

14 नवंबर से गायब

पुलिस रिकार्ड में कुलदीप के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज है। कुलदीप के घर वालों ने बताया कि 14 नवंबर की सुबह कुलदीप अपने काम से घर से निकला था। उसके बाद से उसका पता नहीं चला। वह कहां गायब हो गया किसी को भनक तक नहीं लगी। घर वालों ने धूमनगंज पुलिस स्टेशन में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर लिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।

भाई भी मारा गया था

कुलदीप के घर वालों की वर्षों पुरानी दुश्मनी चली आ रही है। कुछ सालों पहले कुलदीप के भाई प्रदीप की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उसकी बॉडी फाफामऊ पुल के नीचे मिली थी। इस मर्डर केस के बाद से संतलाल नामक युवक की उससे दुश्मनी शुरू हो गई। इस मर्डर केस में भी उन्होंने संतलाल, संतोष,्र राजू और अन्नू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के लिए तहरीर दी है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।

कुलदीप भी था wanted

कुलदीप का नाम भी पुलिस रिकार्ड में दर्ज था। जरायम की दुनिया में वह भी दाखिल हो चुका था। सोर्सेज की मानें तो संतलाल से चल रही दुश्मनी का नतीजा था कि लास्ट इयर 2012 में कुलदीप भी आरोपी बना दिया गया। हुआ यूं कि संतलाल के ऊपर बम से हमला हुआ। इस मामले में संतलाल ने कुलदीप और उसके दोनों भाई श्री चन्द्र व दिलीप के खिलाफ नेम्ड रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने बमबाजी और जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज किया। इस केस में श्री चन्द्र ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया लेकिन उसके दोनों भाई भाग निकले। चर्चा रही कि कुलदीप बैंगलुरु भाग गया था। तीन महीने पहले ही वापस लौटा था और पुलिस के डर से चकिया में छिप कर रह रहा था। अभी तक उसका भाई दिलीप का भी पुलिस को कुछ पता नहीं है।